पटना। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने बिहार में बोधगया स्थित बौद्ध धर्मावलंबियों के पवित्र धार्मिक स्थल महाबोधि मंदिर में बम बरामदगी के मामले में अपना अपराध कबूल करने वाले तीन अभियुक्तों को आज उम्रकैद और पांच अन्य अभियुक्तों को 10-10 वर्षों के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा ने पिछले दिनों इस मामले में आठ आरोपितों के कबूलनामे की सुनवाई करने के बाद उन्हें दोषी करार दिया था और सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 17 दिसंबर 2021 की तिथि निश्चित की थी।
सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने पश्चिम बंगाल निवासी अहमद अली, पैगंबर शेख और नूर आलम को भारतीय दंड विधान, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम तथा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के आरोपों के तहत उम्रकैद की सजा के साथ 39-39 हजार रुपए का जुर्माना भी किया।
वहीं, दोषी आदिल शेख, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम, आरिफ हुसैन और मुस्तफिजुर रहमान को भारतीय दंड विधान तथा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के आरोपों के तहत 10-10 वर्षों के सश्रम कारावास की सजा के साथ 34000 रुपए तक का जुर्माना भी किया।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोषियों के कबूलनामे को ध्यान में रखते हुए कानून में प्रदत्त न्यूनतम सजा दी जा रही है। साथ ही दोषियों की जेल में गुजारी गई अवधि भी सजा में समायोजित की जाएगी।
मामला 19 जनवरी 2018 का है जब महाबोधि मंदिर में बौद्ध धर्मावलंबियों की निगमा पूजा चल रही थी जिसमें बौद्ध धर्म के पावन गुरू दलाई लामा के अलावा कई देश के बौद्ध धर्मावलंबी एवं विशिष्ट अतिथि शामिल हुए थे। इसी दौरान मंदिर परिसर में कालचक्र मैदान के निकट एक थरमस फ्लास्क बम का आंशिक विस्फोट हुआ था।
इसके बाद स्थानीय पुलिस के द्वारा की गई तलाशी में दो केन बम भी बरामद किए गए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। जांच के बाद मामले में गिरफ्तार किए गए नौ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
गौरतलब है कि इस मामले के नौ में से आठ आरोपितों ने न्यायालय में पेशी के दौरान आवेदन दाखिल कर अपना अपराध कबूल किए जाने की पेशकश की थी। साथ ही यह भी कहा था कि उन्होंने बहकावे में आकर यह अपराध किया है और गिरफ्तारी के बाद से लगातार जेल में बंद हैं। अब अपने समाज में वापस लौट कर सामान्य जीवन जीना चाहते हैं।
आवेदन पर सुनवाई एवं अभियुक्तों का बयान लेने के बाद विशेष अदालत ने आठों अभियुक्तों को 10 दिसंबर 2021 को दोषी करार दिया था और सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 17 दिसंबर 2021 की तिथि निश्चित की थी।
इस घटना से पूर्व महाबोधि मंदिर परिसर में वर्ष 2013 में भी बम विस्फोट की घटना हुई थी। इसकी जांच भी एनआईए ने की थी। इसी अदालत ने उस मामले के पांच अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।