चंडीगढ़/अमृतसर। पंजाब की अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने मध्य प्रदेश से तीन लोगों को गिरफ्तार कर अवैध हथियारों की तस्करी के एक बड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इनसे 32 बोर के पच्चीस पिस्तौल, 30 बोर के पाँच पिस्तौल, 30 अन्य पिस्तौल, 32 मैगज़ीन, एक ऑल्टो कार और एक मोटरसाईकिल भी बरामद किया है।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्ता ने यह जानकारी देते हुये बताया कि गिरफ्तार किये गये लोग हथियार बनाने और मध्य प्रदेश से पंजाब और अन्य राज्यों में हथियारों की सप्लाई करते थे। इनकी शिनाख्त मध्यप्रदेश के बुरहारनुर जिले के पचौरी गांव निवासी करोड़ सिंह और राम सिंह पटवा खनार गांव निवासी चंद्र पाल के रूप में हुई है। इन तीनों को गत 15 अप्रैल को पुलिस के मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में की गई कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया था।
उन्हाेंने बताया कि अवैध हथियारों की तस्करी की सूचना मिलने पर मजीठा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु राणा और पुलिस उपाधीक्षक (डिटैक्टिव) गुरिंदर नागरा के नेतृत्व में अमृतसर ग्रामीण पुलिस की एक टीम ने गत दस अप्रैल को बुरहानपुर के बस अड्डे के नज़दीक से करोड़ सिंह और चंदर पाल को गिरफ्तार किया। इनके कब्ज़े से 32 बोर के दस पिस्तौल और 10 मैगज़ीन बरामद की गईं। तीसरे दोषी राम सिंह पटवा को 32 बोर की 15 पिस्तौल, 30 बोर की पांच पिस्तौल और 22 मैगज़ीन के साथ बुरहानपुर में गुरूद्वारा बदी संगत के पास से काबू किया गया था।
डीजीपी ने बताया कि राम सिंह पटवा ने पूछताछ में खुलासा किया कि हथियारों की खेप उसे किसी अन्य राहुल ने दी थी जो मध्यप्रदेश का हथियार निर्माता और तस्कर है तथा जिसका नाम पंजाब पुलिस ने गत छह माह के दौरान अलग अलग कार्रवाईयों में बरामद हथियारों की खेपों में भी सामने आया है। उन्होंने इन गिरफ्तारियों और हथियारों की बरामदगी में मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा पंजाब पुलिस को मुहैया कराई मदद के लिए वहां के डीजीपी का धन्यवाद किया।
उल्लेखनीय है कि श्री गुप्ता ने उपरोक्त कार्रवाई में मदद के लिये मध्य प्रदेश के डीजीपी से व्यक्तिगत रूप से अनुरोध किया था। इससे पहले गत जनवरी माह में अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने .32 बोर के 12 पिस्तौल और 15 मेगज़ीन की बरामद की थीं तथा जांच में इनके सप्लायर के रूप में राहुल का नाम सामने आया था। इसके अलावा पटियाला पुलिस द्वारा गत सितम्बर माह में बरामद किए गए 32 बोर के छह पिस्तौल की खेप में भी उसका मुख्य सप्लायर के रूप में नाम आया था।
अमृतसर ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ध्रुव दहिया ने बताया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि राहुल और मध्य प्रदेश के अन्य हथियार निर्माता और तस्कर देसी हथियारों की सप्लाई के लिए पंजाब में बड़ा नैटवर्क स्थापित करने के लिए वाट्सऐप समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं तथा राज्य की विभिन्न जेलों में बंद नौजवानों, आतंकवादी तत्वों, गैंगस्टरों और कट्टरपंथियों को हथियारों की सप्लाई करने के लिए सम्पर्क साधते हैं। राहुल के अमृतसर जेल में बंद एक अपराधी के साथ सम्बंध होने की बात भी सामने आई है जिसे राज्य पुलिस ने वर्ष 2019 में ड्रोन मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार किया था। पकड़े गये अपराधियों से हथियारों के निर्माण, तस्करी और सप्लाई के नैटवर्क का पता लगाने के साथ पंजाब में पहले हो चुकी हथियारों की बरामदगियों से जुड़े लोगों और इनके वित्तीय लेन-देन का भी पता लगाया जा रहा है।