
कोटा। देश की प्रमुख कोचिंग सिटी माने जाने वाले राजस्थान के कोटा में शुक्रवार को एक और कोचिंग छात्र ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पिछले पांच दिनों में कोचिंग छात्र के आत्महत्या करने की यह तीसरी घटना है।
मिली जानकारी के अनुसार शहर के कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के लैंड मार्क सिटी इलाके में एक निजी हॉस्टल में रहकर नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) की पिछले एक साल से तैयारी कर रहे हैं बिहार के पटना निवासी कोचिंग छात्र नवलेश (17) ने आज सुबह हॉस्टल के अपने कमरे में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर दी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कोचिंग छात्र के पास के कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसमें उसने कहा है कि कोचिंग के तनाव को सहन नहीं कर पाने की वजह से वह अपनी जान दे रहा है। हालांकि इस बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है। पुलिस ने मृतक छात्र के पटना में रहने वाले अभिभावकों को इस हादसे के बारे में सूचना दे दी है और मृतक छात्र के शव को कोटा के एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है जहां परिवार जनों के आने के बाद में शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
कोटा में पिछले पांच दिनों में कोचिंग कर रहे किसी छात्र के आत्महत्या करने की यह तीसरी घटना है। इसके पहले गुरुवार सुबह भी लैंडमार्क सिटी में ही एक निजी छात्रावास में रहने वाले उत्तर प्रदेश के एक छात्र धनेश कुमार (15) ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
इसके पहले सोमवार को कोटा के विज्ञान नगर इलाके की एक बहुमंजिला इमारत में रहकर अपने तीन अन्य दोस्तों के साथ कोचिंग कर रहे कर्नाटक के बंगलुरु निवासी कोचिंग छात्र नासिर (22) ने 10 मंजिल इमारत के ऊपर से कूदकर आत्महत्या कर ली थी।
कोटा में शुक्रवार को कोचिंग छात्र नवलेश (17) के आत्महत्या करने के बाद बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कनीज फातिमा और समिति के सदस्य अरुण भार्गव एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी पर पहुंचे। दोनों ने कोटा में कोचिंग छात्रों में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति पर गहरा अफसोस प्रकट किया और इस बात पर भी गुस्सा जाहिर किया कि जिस हॉस्टल में रहकर यह कोचिंग छात्र कोचिंग ले रहा था, उसका कोई प्रतिनिधि अस्पताल तक नहीं पहुंचा।