सबगुरु न्यूज-सिरोही। सरूपगंज में वृद्धा बेवा की कब्जेशुदा भूमि में घुसकर निर्माण करने के प्रकरण में भाजपा नेता अपने कर्मठ कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार करवाने से नहीं चूके। जिन दो नेताओं का इस प्रकरण में सरपरस्ती की बात कही जा रही है सरूपगंज में उनके सबसे खास होने का दावा करने वाले पदाधिकारी को पुलिस ने रविवार रात को गिरफ्तार कर लिया। उनके साथ कांग्रेस के एक पदाधिकारी और संबंधित जमीन जिस वार्ड में है उस वार्ड के वार्ड पंच व पीडित वृद्धा के पुत्र को सरूपगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
संघ के सिद्धांतों को पोषित करने वाली आदर्श विद्या मंदिरों का संचालन करवाने वाली आदर्श शिक्षा समिति द्वारा सरूपगंज में एक बेवा वृद्धा देवीबाई की कब्जाशुदा जमीन में कथित रूप से जबरन घुसकर निर्माण करने के प्रकरण में पुलिस ने कब्जे होने का दावा कर रही महिला के साथ गए तीन लोगों को रविवार रात को गिरफ्तार किया है। इनमें देवकुमार नामदेव भाजपा सरूपगंज का मीडिया प्रभारी है। ये स्वयं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारों से प्रभावित युवक बताते हुए सोशल मीडिया पर कांग्रेस भाजपा की नीतियों को प्रचारित करने और आरएसएस का बुरा भला कहने वालों को जवाब देने में अग्रणी रहा है।
इस प्रकरण में जिस भाजपा नेता की शह का नाम आ रहा है देवकुमार स्वयं को उनका सबसे करीबी बताये जाते है। सूत्रों के अनुसार इस प्रकरण में उसने इन्ही नेता से वृद्धा को न्याय दिलवाने के लिए दूरभाष पर बात भी की थी। दूसरा युवक वार्ड संख्या आठ का वार्डपंच और कांग्रेस का पूर्व पदाधिकारी आजाद मेघवाल। तीसरा युवक कमलेश खंडेलवाल वृद्धा का पुत्र है।
पार्टी के मतभेदों को भूलकर न्याय के लिए यह लोग वृद्धा के साथ रविवार रात को सरूपगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने पहुंचे थे। रात करीब ग्यारह बजे पुलिस ने इन तीनों को शांतिभंग में गिरफ्तार कर लिया। सरूपगंज थानाधिकारी पूराराम ने बताया कि यह लोग रात को थाने में आकर सरूपगंज कस्बे में आग लगाने की धमकी दे रहे थे। जमीन वाले प्रकरण में एफआईआर बनती ही नहीं है फिर भी एफआईआर दर्ज करने की जिद कर रहे थे।
थानाधिकारी ने कहा कि जब तहसीलदार ने कह दिया कि जमीन आदर्श शिक्षा समिति के नाम से नामांत्रित की हुई है तो मामला बनता ही नहीं है। इधर, इस प्रकरण के जिले में फैलने से लोगों में भाजपा के खिलाफ रोष बढता जा रहा है वहीं कांग्रेस की चुप्पी पर भी इस प्रकरण में मैच फिक्सिंग का कयास लगाया जा रहा है।
वहीं वृद्धा की कब्जाशुदा भूमि पर घुसने वाले कथित लोगो के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। आम तौर पर किसी प्रकरण में शांतिभंग की स्थिति बनती है तो पुलिस दोनों पक्षों के लोगों को गिरफ्तार करती है, लेकिन सरूपगंज में कथित रूप से जबरन कब्जा करने घुसने वाले पक्ष पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं सरूपगंज थाने में रिपोर्ट लिखवाने गए पक्ष के तीन लोगों को शातिभंग में गिरफ्तार कर लिया।
सरूप्गंज थाने मे रेपोर्ट द्र्ज नहि करने पर रोती वृद्धा देखिये विडियो…