नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आजादी के छह दशकों तक अधिकतर अमीर लोगों को रसोई गैस का कनेक्शन मिलता था किंतु उनकी सरकार ने पिछले चार साल में 10 करोड़ नए गैस कनेक्शन वितरित कर गरीबों, निचले तबके के लोगों, दलितों और आदिवासियों की जिंदगी को सशक्त बनाया है।
प्रधानमंत्री ने नमो ऐप के जरिये उज्जवला योजना के लाभार्थियों से सोमवार को सीधे वार्तालाप कर उनके अनुभव सुने। मोदी ने कहा कि देश में रसोई गैस की शुरुआत आजादी के बाद हो गई थी लेकिन 2014 में उनकी सरकार के सत्ता में आने तक देश में 13 करोड़ लोगों को ही इसके कनेक्शन मिले थे।
उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों के कार्यकाल में रसोई गैस का कनेक्शन अधिकतर अमीर लोगों को ही मिलता था किंतु पिछले चार वर्ष में ही उनकी सरकार ने 10 करोड़ नए रसोई गैस कनेक्शन देकर गरीबों, दलितों, निचले तबके के लोगों और आदिवासियों की जिंदगी को सशक्त बनाया है। गरीबी रेखा से नीचे के जिन चार करोड़ परिवारों को अब तक रसोई गैस के कनेक्शन बांटे गए हैं उनमें से 45 प्रतिशत लाभाथीं दलित परिवारों के हैं।
उज्जवला योजना को सामाजिक सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि इसने खासकर महिलाओं को जानलेवा धुएं से मुक्ति दिलाई है। सरकार सभी परिवारों तक जल्दी ही रसोई गैस कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
इस योजना से लकड़ियों के लिए वनों का कटाव कम हुआ है। ग्रामीण और गरीब महिलाओं का उज्जवला योजना से सशक्तिकरण हुआ है और इस बारे में उन महिलाओं से बेहतर और कोई नहीं बता सकता है जिन्होंने सालों साल अपनी जिंदगी चूल्हा फूंकने में बिता दी थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उज्जवला योजना का लाभ आसानी से उपलब्ध कराने के लिए एलपीजी पंचायत भी शुरु की गई है जहां लोगों को गैस के बारे में जानकारी दी जाती है। इस वर्ष ऐसी एक लाख पंचायत आयोजित करने की योजना है। उन्होंने सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार रोकने की सरकार की मंशा साफ करते हुए लाभार्थियों से हुए कहा कि यदि कभी कोई पैसा मांगे तो देने की जरुरत नहीं है और पत्र लिख तुरंत उन्हें इसकी जानकारी दें।
मोदी ने लाभार्थियों के साथ बातचीत में अपने बचपन की घटना और मुंशी प्रेमचंद की कहानी ईदगाह का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा मुंशी प्रेमचंद ने 1933 में यह कहानी लिखी थी। इस कहानी का मुख्य किरदार एक बच्चा हामिद है जो मिठाई खरीदने की बजाय ईद के मौके पर अपनी दादी को उपहार देने के लिए चिमटा खरीद कर लाता है ताकि खाना बनाते समय दादी का हाथ नहीं जले। यह कहानी आज भी मुझे प्ररेणा देती है। उज्ज्वला योजना भारत की ‘नारी शक्ति’ को बेहतर स्वास्थ्य मुहैया कराने में मददगार साबित हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले रसोई गैस का कनेक्शन सांसदों और विधायकों की सिफारिश करने पर ही मिलता था और यह केवल बड़े लोगों के पास ही होता था। वर्तमान में देश के प्रत्येक 100 परिवार में से 81 परिवार के पास रसोई गैस का कनेक्शन पहुंच चुका है।
रसोई गैस मिलने से महिलाओं की कार्य क्षमता बढ़ने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि अब उनके पास दूसरे कामों के लिए अधिक समय है। एलपीजी से महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा तो हो ही रही है स्वच्छ ईंधन से पर्यावरण को भी लाभ मिला है और स्वस्थ भारत बनाने में मदद मिल रही है।
मोदी ने उज्जवला योजना का शुभारंभ एक मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से किया था और इसके लिए 8000 करोड़ रुपए का बजट रखा गया था। योजना के तहत तीन साल के भीतर पांच करोड़ रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
इसके लिए गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले प्रत्येक परिवार को 1600 रुपए की मदद दी जाती है। उन्होंने कहा कि देश के 70 प्रतिशत गांवों में रसोई गैस कनेक्शन प्रत्येक परिवार में पहुंच चुका है जबकि 81 प्रतिशत गांवों के 75 प्रतिशत परिवारों में एलपीजी मुहैया कराई जा चुकी है।