अजमेर। सर्दी की शुरुआत के साथ हर साल सजने वाला तिब्बती शरणार्थी ल्हासा मार्केट इस बार अजमेर में नहीं लगेगा। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते तिब्बती समाज के लोग उनी कपडे बेचने नहीं आएंगे।
बीते 49 साल से सूचना केन्द्र के समीप तिब्बती समाज के लोग सर्दी में कपडों का बाजार लगाते रहे हैं। परंपरागत रूप से सजने वाले वाले इस बाजार को भी कोरोना का ग्रहण लग गया है। अजमेर की संस्कृति और यहां के लोगों से काफी घुल मिल गए तिब्बती समाज के लोगों को भी इस बार अजमेर ना पाने का अफसोस है।
तिब्बती ल्हासा मार्केट के अध्यक्ष छोग्यलसनं ने संदेश में कहा कि अजमेर से हमारा आत्मीय संबंध बन गया है। हमारे लिए अजमेर अपने घर जैसा है। हमें खेद है कि कोरोना महामारी फैलने के कारण इस साल अजमेर आना संभव ना हो सकेगा। फिलहाल आवागमन भी सहज सुलभ नहीं हो पा रहा। उचित दाम पर क्वालिटी वाले उनी कपडों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
हम अजमेरवासियों को इस बार सेवा नहीं दे पाएंगे, इसके लिए हमें खेद है। कोरोना महामारी काल में हम नहीं चाहते कि हम अजमेर आकर अजमेरवासियों के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी का कारण बनें।
हमें पूरी उम्मीद है कि भारत बहुत जल्द इस महामारी पर काबू पाएगा बल्कि इसे खत्म करने में भी सफल होगा। अगले साल हम दोगुने उत्साह के साथ अजमेरवासियों की सेवा को उपस्थित होंगे। हमें अजमेर के वाशिंदों का स्नेह हमेशा की तरह मिलता रहेगा यही कामना करते हैं।