सबगुरु न्यूज-सिरोही। पिछ्ले सप्ताह नगर कांग्रेस की बैठक हुई। इसमे निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के धडे के कांग्रेस के नेताओं का जमावड़ा लगा। टिकिटार्थीयों का भी जमावड़ा हुआ। इन सब चेहरों में एक बयान सबसे महत्वपूर्ण था।
आम तौर पर संयम लोढ़ा के विरोधी गुट में गिने जाने वाले या सिरोही में लोढ़ा के विरोध के प्रतीक माने जाने वाले नेता का बयान महत्वपूर्ण थे। उनका मंच से बयान था कि मुख्यमंत्री ने सिरोही की चिन्ता संयम लोढ़ा पर छोड रखी है। इस बयान का ये मतलब हुआ कि सिरोही में कांग्रेस के टिकीट कांग्रेस (एस) और कांग्रेस (जे) के बीच में कुछ बराबर में बँटेनगे या एक गुट का वर्चस्व रहेगा।
-दोनो के समर्थक भी यही मानकर चल रहे
विधनसभा चुनाव से ही सिरोही में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की खींचतान का केंद्र बन गया। लोकसभा चुनाव से पहले बामनवाड़ जी में हुई सभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक शिगूफा छोड़ गये थे। संयम लोढ़ा के टिकीट कटने के सम्बन्ध में उन्होंने कहा था कि लोढ़ा का ‘टिकीट कटने के पीछे की वजह की मंच पर चर्चा नहीं कर सकते।’
एक तरह से उन्होने इसकी जिम्मेदारि किसी दूसरे के कन्धे पर डालने की कोशिश की थी। ऐसे में सिरोही में लोढ़ा विरोधी अधिकांश कांग्रेस के नेता पायलट के नजदीक बताये जा रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस में अंदरखाने ये भी चर्चा है कि यहां गुटों के अनुसार टिकीट का बंटवारा हो सकता है।
-किसका होगा अपर हैण्ड?
कांग्रेस के टिकीट में गुटों के अनुसार टिकीट वितरण होने की स्थिति में किसका अपर हैण्ड रहेगा ये अभी भी नेता समर्थक अपनी अपनी सुविधा के अनुसार तय कर देते हैं। वैसे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि सिरोही शिवगंज में ये बंटवारा 20-15 तथा पिंड़वाड़ा माऊंट आबू में ये अनुपात 15-10 का हो सकता है। अब कौन आगे रहेगा ये स्थिति धीरे धीरे स्पष्ट हो जायेगी।