इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में 10वीं की एक छात्रा ने छेड़छाड़ और ब्लैकमेलिंग से तंग आकर फांसी लगाकर जान दे दी। छात्रा के परिजन ने स्थानीय थाना पुलिस और इंदौर के वरिष्ठ अधिकारियों पर उचित कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाए हैं।
आरोप है कि एक युवक छात्रा को स्कूल से आते-जाते परेशान करता था। आरोपी युवक मिलन ने छात्रा का फोटो फेसबुक पर डालकर उसे बदनाम किया था, जिससे आहत होकर उसने मौत को गले लगा लिया।
इंदौर पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि गुरुवार रात लगभग साढे नौ बजे छात्रा का शव द्वारकापुरी थाना क्षेत्र स्थित उसके घर पर फांसी के फंदे पर लटका मिला। इस संबंध में पुलिस ने छेड़छाड़, बालकों का लैंगिक अपराधों से संरक्षण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर आरोपी युवक मिलन समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
छात्रा के पिता ने द्वारकापुरी थाना पुलिस और पुलिस अधीक्षक (एसपी) पश्चिम क्षेत्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपी युवक उनकी बच्ची को एक सप्ताह से परेशान कर रहा था। जिसकी शिकायत स्थानीय पुलिस और एसपी से करने के बावजूद समय रहते कार्यवाही नहीं की गई। युवक की लगातार फोन पर मिल रही धमकियों से तंग आकर किशोरी ने मौत को गले लगा लिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में पिता से माफी मांगते हुए लिखा है कि उसकी छवि खराब हो गई और सारी समस्या की जड़ वह स्वयं है। छात्रा के पिता के आरोप पर डीआईजी मिश्र ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामले में सहायक पुलिस निरीक्षक (एएसआई) ओंकार सिंह कुशवाह को निलंबित कर दिया गया है। एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) स्तर के अधिकारी को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है। पुलिस अधिकारियों की लापरवाही सामने आने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि आरोपों से घिरे एसपी स्तर के अधिकारी की जांच कनिष्ठ एएसपी से कराए जाने के प्रश्न पर डीआईजी ने जवाब नहीं दिया। घटना के बाद आक्रोशित परिजन ने स्थानीय पुलिस थाना और आरोपित के घर के सामने हंगामा किया।