कोलकाता। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच ‘नारा युद्ध’ के साथ-साथ ‘पत्र एवं पोस्टकार्ड’ युद्ध छिड़ता मालूम होता है। इस झगड़े के केंद्र में एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं तो दूसरी तरफ तृणमूल प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं।
लोकसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित भाजपा के बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह की ओर से ‘जय श्री राम’ लिखे पत्र से उपजा विवाद ठंडा भी नहीं हुआ था कि ठीक अगले ही दिन मंगलवार को दमदम नगर निगम के तृणमूल कांग्रेस के पार्षदों और उनके समर्थकों की ओर से ‘जय हिंद’, ‘जय बांग्ला’ और ‘वंदे मातरम’ के नारों के साथ 10000 पोस्टकॉर्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए।
दक्षिण दमदम नगर निगम के वार्ड संख्या 15 के पार्षद देवाशीष बनर्जी कुछ अन्य पार्षदों तथा बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ माटीझील स्थित डाकघर पहुंचे तथा मोदी को संबोधित हस्तलिखित पोस्टकॉर्ड डालना शुरू किया।
बनर्जी ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय में भेजने के लिए 10000 पोस्टकॉर्ड मेल किए गए हैं। उन्होंने इसे सिंह के शनिवार को की गई उस घोषणा की प्रतिक्रिया बताया जिसमें उन्होंने ‘जय श्रीराम’ नारा लिखे 10 लाख पोस्टकॉर्ड मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निजी आवास कालीघाट भेजने की चेतावनी दी थी।
सिंह ने यह घोषणा शुक्रवार को उत्तरी 24 परगना के भाटपारा और नैहाती से गुजर रही बनर्जी के सामने जय श्री राम का नारा लगाने वाले 10 लोगों काे गिरफ्तार किए जाने के ठीक अगले ही दिन की थी।
इस बीच केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने संदेश भेजने के लिए तृणमूल के कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि टीमची ने हमारे व्यक्तिगत नंबर नेट में लीक कर दिए हैं और टीएमसी समर्थकों से हमें ममता बनर्जी जिंदाबाद संदेश देने के लिए कहा है। नो पोब्लम। इसे लाएं-हम फिर से तैयार हैं।