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Today leap day will come only after 4 years - Sabguru News
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आज 29 फरवरी यानी ‘लीप डे’ अब 4 साल बाद ही आएगी ये तारीख

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आज 29 फरवरी यानी ‘लीप डे’ अब 4 साल बाद ही आएगी ये तारीख
Today leap day will come only after 4 years
Today leap day will come only after 4 years

सबगुरु न्यूज। इस भागमभाग भरे जिंदगी में आइए दोस्तों आज तारीख को याद करते हैं। आप लोग जानते ही होंगे कि आज 29 फरवरी हैं। यानी यह तारीख 4 साल में एक बार आती है। इससे पहले वर्ष 2016 में आई थी। यह 29 फरवरी अपने आप में इतिहास समेटे हुए हैं। सही मायने में यह तारीख उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है जिनका जन्म 29 फरवरी को हुआ है यानी वह अपना जन्मदिन 4 साल में एक बार ही मना पाते हैं। इसी दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का भी जन्म हुआ था।

आज गूगल ने इस पर खास डूडल बनाया है। साल में 12 महीने होते हैं, उन 12 महीनों में सिवाए एक महीने के हर महीना 30 नहीं तो 31 दिन का होता है। जो महीना कम दिन का होता है वह फ़रवरी है। फरवरी 3 साल तक 28 दिनों का होता है और 4वें साल उसमे एक दिन बढ़ जाता है। इस वर्ष में 365 के स्थान पर 366 दिन होते हैं, इस एक दिन बढ़ने से हम उस साल को लीप ईयर के नाम से जानते हैं।

क्यों होता है यह लीप डे

चलिए जानते हैं क्यों होता है लीप डे। यह सब पृथ्वी के घूमने और इस तथ्य के कारण है कि एक दिन वास्तव में 24 घंटे का नहीं होता है। स्लोह खगोलशास्त्री बॉब बर्मन के मुताबिक एक दिन-रात 23 घंटे, 56 मिनट और 4.1 सेकंड का होता है। वहीं पृथ्वी को सूरज का एक चक्कर पूरा करने में 365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और 45 सेकंड लगते हैं। 1583 में पोप ग्रेगोरी द्वारा ग्रेगोरियन कैलेंडर बनाया था। इसमें भी हर 4 साल में फरवरी में एक अतिरिक्त दिन को शामिल किया गया था।

आसान शब्‍दों में जानें तो जिस साल को 4 से भाग देने पर शेष जीरो आता हो, वो लीप ईयर होगा, लेकिन सिर्फ वही शताब्‍दी वर्ष लीप ईयर होगा, जो 400 के अंक से पूरी तरह विभाजित हो जाए। इस हिसाब से साल 2000 लीप ईयर था, लेकिन 1900 लीप ईयर नहीं था। साल 2000 और फिर उसके बाद से 21वीं सदी में हर चौथा साल लीप ईयर रहा है। साल 2020 लीप ईयर है यानि अगला लीप ईयर 2024 होगा, उसके बाद 2028।

लीप ईयर होना क्यों है जरूरी

जैसे हमारे प्राकृतिक में बदलाव होता रहता है वैसे ही यह हमारे महीने में भी बदलाव आता है। अगर हम साल के हर महीने एक समान बिताएं तो इस तरह से हम धरती के प्राकृतिक कैलेंडर में से लगभग 6 घंटे ऐसे आगे निकल जाएंगे। अगर हम लीप ईयर को खतम कर देते है तो धरती पर आने वाले समय में कुछ भी सही तरह से नहीं रहेगा। आपको बता दें की जो गर्मी का मौसम हम मई और जून में सहते हैं उसे कुछ सालों बाद हमे दिसंबर और नवंबर में देखने मिलेगा।

इसलिए धरती पर सब कुछ सही रखने के लिए लीप ईयर होना बेहद जरूरी है। आज 29 फरवरी पर गूगल ने इस तारीख को याद करते हुए एक डूडल बनाया है। आइए आज हम सभी लोग 29 फरवरी को इंजॉय करें, अगली बार अगर यह तारीख 4 साल बाद ही लौट कर आएगी।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार