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मार्शल आर्ट को पूरी दुनिया में ख़ास पहचान दिलाई ब्रूसली ने
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मार्शल आर्ट को पूरी दुनिया में ख़ास पहचान दिलाई ब्रूसली ने

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मार्शल आर्ट को पूरी दुनिया में ख़ास पहचान दिलाई ब्रूसली ने
Today marks Bruce Lee's 44th anniversary of his death
Today marks Bruce Lee's 44th anniversary of his death
Today marks Bruce Lee’s 44th anniversary of his death

मुंबई। विश्व सिनेमा के पटल पर ब्रूसली को एक ऐसी शख्सियत के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने अपनी फिल्मों के जरिए मार्शल आर्ट को पूरी दुनिया में एक ख़ास पहचान दिलाई।

ब्रूसली मूल नाम ली मुयेन केम का जन्म 27 नवंबर 1940 को अमरीका के सैन फ्रांसिस्को शहर में हुआ था। जब वह महज एक वर्ष के थे तभी उनका परिवार अमेरिका से हांगकांग आ गया जहां ब्रूसली ने बतौर बाल कलाकार के रूप में काम करना शुरू कर दिया।

18 वर्ष की उम्र तक ब्रूसली ने बतौर बाल कलाकार लगभग 20 फिल्मों में अभिनय किया। इसके बाद बेहतर शिक्षा के उदेश्य से ब्रूसली अमरीका चले गए और वाशिंगटन विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र की पढ़ाई पूरी करने लगे।

बचपन में ब्रूसली ने हांगकांग में विंगचुन नामक मार्शल आर्ट की शिक्षा भी ली थी। अमरीका में रहते हुये उन्होंने मार्शल आर्ट की शिक्षा को जारी रखा। बाद में उसमें कुछ नए स्टाइल को जोड़कर ब्रूसली ने मार्शल आर्ट का नया संस्करण बनाया जो जीत कुने दो के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

अमरीका में रहते हुए अपने जीवन यापन के लिए ब्रूसली अपने मार्शल आर्ट को लोगों के बीच पेश करने लगे जो दर्शको के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। वर्ष 1964 में ब्रूसली ने लिंडा नामक युवती के साथ विवाह कर लिया।

साठ के दशक के अंतिम वर्षो में ब्रूसली के मार्शल आर्ट से प्रभावित होकर हांगकांग के स्टीव मैक्कवीन और जेम्स कार्बन जैसे अभिनेताओं ने उन्हें अपना प्रशिक्षक नियुक्त कर लिया। इस दौरान ब्रूसली का रूझान फिल्म और छोटे पर्दे की ओर भी हो गया। इस दौरान उन्होंने कई टीवी धारावाहिक और फिल्मों में छोटे मोटे रोल किए।

वर्ष 1967 में ब्रूसली को एक टीवी धारावाहिक द ग्रीन हारवेट में केटो नामक किरदार को निभाने का अवसर मिला। वर्ष 1969 में ब्रूसली ने फिल्म मारलोवे में जेम्स गार्नर के साथ बतौर सहायक अभिनेता काम किया जो दर्शकों के बीच काफी पसंद किया गया लेकिन वह अमरीका में उनके प्रति बढ़ते नस्लवाद को बढ़ता देखकर हांगकांग वापस आ गए।

हांगकांग में वापस आने के बाद ब्रूसली ने अपनी स्वयं की फिल्म बनाने का निश्चय किया। इसी क्रम में वर्ष 1971 में प्रदर्शित फिल्म फिस्टस ऑफ फ्यूरी खास तौर पर उल्लेखनीय है। फिल्म में ब्रूसली के अभिनय को दर्शकों के बीच काफी सराहना मिली साथ ही फिल्म एशिया की सुपरहिट फिल्म में शुमार की गई।

वर्ष 1972 में प्रदर्शित फिल्म वे ऑफ ड्रेगन में ब्रूसली ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया। फिल्म में ब्रूसली ने न सिर्फ अभिनय किया साथ ही फिल्म के लेखक-निर्देशक और फाइट डाइरेक्टर के रूप में भी वह दिखाई दिए।

फिल्म वे ऑफ ड्रेगन की सफलता के बाद वार्नर बद्रर्स ब्रूसली की प्रतिभा से काफी प्रभावित हुए और उन्हें लेकर एंटर द ड्रेगन का निर्माण किया लेकिन दुर्भाग्य से फिल्म प्रदर्शन के तीन सप्ताह पहले 20 जुलाई 1973 को ब्रूसली की रहस्मय ढंग से मृत्यु हो गई। बाद में जब फिल्म प्रदर्शित हुई तब इसने टिकट खिड़की पर जोरदार कमाई की साथ ही अमरीका और यूरोप के दर्शकों के बीच ब्रूसली बहुत लोकप्रिय हो गए।

ब्रूसली ने अपने सिने करियर में बेहद चुनिन्दा फिल्मों के लिए काम किया लेकिन जो भी काम किया, पूरी तबीयत और जुनून के साथ किया। अपनी इन्ही खूबियों के कारण ब्रूसली एशिया के एक ऐसे अभिनेता के रूप में शुमार किए जाते हैं जिनकी प्रतिभा को आजतक कोई मात नहीं कर सका है।

वर्ष 1993 में ब्रूसली की मृत्यु के लगभग 20 वर्षो के बाद निर्माता रोब मोहन ने उनकी जीवनी पर ड्रेगन द ब्रूसली स्टोरी का निर्माण किया जिसे दर्शकों के बीच काफी पसंद किया गया। ब्रूसली ने अपने दो दशक लंबे सिने करियर में लगभग 35 फिल्मों में काम किया। उनकी अभिनीत फिल्मों में कुछ है गोल्डेन गेट गर्ल, द बर्थ ऑफ मैन काइंड, माइ सन आह चुंग, इटस फादर फाल्ट, बैटमैन, आयरन साइड, फिस्टस ऑफ फ्युरी, रिर्टन ऑफ ड्रेगन, ब्रूसली एंड आई आदि।