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आज ही हमारे देश में पंचायती राज दिवस मनाने की हुई थी शुरुआत - Sabguru News
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आज ही हमारे देश में पंचायती राज दिवस मनाने की हुई थी शुरुआत

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आज ही हमारे देश में पंचायती राज दिवस मनाने की हुई थी शुरुआत
Today was the beginning of celebrating Panchayati Raj Day in our country
Today was the beginning of celebrating Panchayati Raj Day in our country
Today was the beginning of celebrating Panchayati Raj Day in our country

आज 24 अप्रैल है। इसी तारीख को हमारे देश में पंचायती राज दिवस हर साल मनाया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते हैं यह दिवस चुपचाप तरीके से निकल जाएगा। यह पंचायती राज दिवस हमारे देश में कब लागू हुआ इसका इतिहास क्या है कुछ जान आ जाए। हर साल 24 अप्रैल को पूरे देश में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। ये दिन भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 के पारित होने का प्रतीक है, जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था। इस दिन को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। पूरे देश को चलाने में सिर्फ केंद्र सरकार या सिर्फ राज्य सरकार सक्षम नहीं हो सकती है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर भी प्रशासनिक व्यवस्थ जरूरी है।

इस काम के लिए बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में 1957 में एक समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी सिफारिश में जनतांत्रिक विकेंद्रीकरण की सिफारिश की जिसे पंचायती राज कहा गया है। 1992 में संविधान में 73वां संशोधन कर पहली बार पंचायती राज संस्थान की पेशकश की गई। इसके तहत स्थानीय निकायों को शक्तियां दी गईं। पंचायतीराज के तहत गांव, इंटरमीडिएट और जिलास्तर पर पंचायतें संस्थागत बनाई गई हैं। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस जमीनी स्तर से राजनीतिक शक्ति के विकेंद्रीकरण के इतिहास को बताता है। उनकी आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय की शक्ति को दर्शाता है।

राजस्थान में पहली बार पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई थी

राजस्थान देश का पहला राज्य बना जहां पंचायती राज व्यवस्था लागू किया गया। इस योजना का शुभारम्भ तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने नागौर जिले में 2 अक्टूबर 1959 को किया था। उसके बाद ही धीरे देश के अन्य राज्यों में भी पंचायत राज व्यवस्था लागू हो गई थी।

इस व्यवस्था को लागू करने का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत में विकास करना था। भारत में पंचायती राज व्यवस्था की देखरेख के लिए 27 मई 2004 को पंचायती राज मंत्रालय को एक अलग मंत्रालय बनाया गया। भारत में हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का कारण 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 है जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था।

इस व्यवस्था के तहत सरपंच होता है मुखिया

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कहते थे कि अगर देश के गांवों को खतरा पैदा हुआ तो भारत को खतरा पैदा हो जाएगा। उन्होंने मजबूत और सशक्त गांवों का सपना देखा था जो भारत के रीढ़ की हड्डी होती। उन्होंने ग्राम स्वराज का कॉन्सेप्ट दिया था। उन्होंने कहा था कि पंचायतों के पास सभी अधिकार होने चाहिए। गांधीजी के सपने को पूरा करने के लिए पंचायती राज संस्थान का कॉन्सेप्ट पेश किया गया।

इस कानून की मदद से स्थानीय निकायों को ज्यादा से ज्यादा शक्तियां दी गईं। उनको आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय की शक्ति और जिम्मेदारियां दी गईं। शुरुआती दिनों में एक सरपंच गांव का सर्वाधिक सम्मानित व्यक्ति होता था। हर कोई उसकी बात सुनता था। यानी गांव के स्तर पर सरपंच में ही सारी शक्तियां होती थीं। लेकिन अब ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तरों पर चुनाव होता है और प्रतिनिधियों को चुना जाता है।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार