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Today World Television Day - Sabguru News
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सूचना अदान-प्रदान करने में टेलीविजन की रही महत्वपूर्ण भूमिका

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सूचना अदान-प्रदान करने में टेलीविजन की रही महत्वपूर्ण भूमिका
Today World Television Day
Today World Television Day
Today World Television Day

आज पूरे विश्व में वर्ल्ड टेलीविजन दिवस मनाया जा रहा है। टेलीविजन की समाज में सूचनाओं के आदान-प्रदान करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 70 के दशक में टीवी का हमारे देश में बहुत ही तेजी के साथ उदय हुआ उसके बाद 80-90 का दशक में आते आते हर घर में टेलीवीजन समाहित हो गया। टेलीविजन ने संचार और वैश्वीकरण में काफी अहम भूमिका निभाई है। आइए जानते हैं कि इस दिन को कैसे और क्यों मनाया जाता है।

21 नवंबर 1996 को यूएनओ ने घोषित किया था विश्व टेलीविजन दिवस

1996 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस यानी ‘वर्ल्ड टेलीविजन डे’ के तौर पर मनाए जाने की घोषणा की थी। दरअसल, इसी साल 21 नवंबर को पहले विश्व टेलीविजन फॉरम  की स्थापना की गई थी। इस फॉरम की स्थापना के उपलक्ष्य में ही यह दिवस मनाया जाता है। इससे मीडिया को टीवी के महत्व पर चर्चा करने का एक प्लैटफॉर्म मिला। टेलीविजन जनसंचार का एक ऐसा माध्यम है जिससे मनोरंजन, शिक्षा, खबर और राजनीति से जुड़ी गतिविधियों के बारे में सूचनाएं मिलती हैं। यह दो या तीन विमाओं में तस्वीरों और इमेज के संचार का माध्यम है। यह सूचना प्रदान करके समाज में अहम भूमिका निभाता है।

अपने विचार साझा करने में टेलीविजन सबसे अच्छा माध्यम

विश्व टेलीविजन दिवस को बढ़ावा देने के लिए लोग कई तरह की गतिविधियों का आयोजन करते हैं। पत्रकार, लेखक और ब्लॉगर्स टेलिविजन की भूमिका पर प्रिंट मीडिया, ब्रोडकास्ट मीडिया और सोशल मीडिया पर भी अपने विचार साझा करते हैं। स्कूलों में अतिथि वक्ताओं को आमंत्रित किया जाता है जो मीडिया और संचार की भूमिका पर बोलते हैं। टीवी न सिर्फ जनमत को प्रभावित करता है बल्कि बड़े फैसलों पर भी असर डालता है। साथ ही इस दिन स्कूल और कॉलेजों में अतिथि वक्ताओं को बुलाया जाता है और टीवी पर बात की जाती है। इस अवसर पर विविध सम्मेलनों, व्याखानों और सेमिनारों का आयोजन भी किया जाता है।

15 सितंबर 1959 को भारत में पहली बार टीवी का प्रसारण हुआ था

भारत में पहला प्रसारण दिल्ली में 15 सितंबर 1959 में प्रायोगिक तौर पर शुरू किया गया था। इसमें हफ्ते सिर्फ तीन दिन कार्यक्रम आते थे, वह भी सिर्फ 30-30 मिनट के लिए। लेकिन शुरू से ही यह लोगों का मनोरंजन और ज्ञानवर्द्धन करने लगा। जल्द ही यह लोगों की आदत का हिस्सा बन गया। उसके बाद 26 जनवरी 1993 को दूरदर्शन अपना दूसरा चैनल लेकर आया। इसका नाम था मेट्रो चैनल। इसके बाद पहला चैनल डीडी 1 और दूसरा चैनल डीडी 2 के नाम से काफी लोकप्रिय हो गया।

मोबाइल-कंप्यूटर ने टेलीविजन का प्रभाव कम किया

वर्ष दाे हजार के बाद मोबाइल, इंटरनेट लैपटॉप और कंप्यूटर की आई सूचना क्रांति ने देश ही नहीं पूरे विश्व में टेलीविजन की धाक को कम कर दिया। दो दशक पहले लोगों को टेलीविजन देखने का बहुत ही जबरदस्त उत्साह रहता था। लेकिन धीरे-धीरे मोबाइल के आने पर यह उत्साह लोगों में कम होता गया। आज की अधिकांश युवा पीढ़ी मोबाइल या लैपटॉप पर ही टेलीविजन की भरपाई कर लेती है। कुछ साल पहले तक पूरे देश में घरों के ऊपर टेलीविजन के एंटीना दिखाई पड़ते थे, लेकिन समय के साथ गायब हो चुके हैं।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार