टोक्यो। भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन ने शुक्रवार की चीनी ताइपे की चेन् निएन चिन को महिलाओं के वेल्टर वेट वर्ग (64-69 किग्रा) में 4-1 से हराकर टोक्यो ओलंपिक की मुक्केबाजी प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया और इसके साथ ही उन्होंने देश के लिए कम से कम कांस्य पदक पक्का कर दिया। लेकिन उन्होंने अपने लिए सोना जीतने को अपना लक्ष्य बना रखा है।
यह इन खेलों में भारत का दूसरा पदक है और मुक्केबाजी में तीसरा पदक है। इससे पहले लीजेंड बॉक्सर एमसी मैरीकॉम ने 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक तथा विजेंदर सिंह ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीते थे।
मैरीकॉम कल राउंड 16 में हार गई थी। टोक्यो ओलंपिक में इससे पहले भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने ऐतिहासिक रजत पदक जीता था।
23 साल की लवलीना ने अपनी जीत के बाद टोक्यो से भारत में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मेरी मुकाबले के लिए कोई रणनीति नहीं थी। मुझे किसी को नहीं बल्कि खुद को साबित करना था। मुझे ख़ुशी है कि मैंने अपना काम किया। मैंने मुकाबले के लिए कोई ख़ास रणनीति नहीं बनाई थी और मैं यही सोचकर उतरी थी कि जो होगा रिंग में ही होगा। मैं बहुत खुश हूं और मैं बैखौफ होकर खेली।
भारतीय मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि आज के दिन मैं नहीं बल्कि लवलीना स्टार है। उन्होंने भारत की 130 करोड़ लोगों की उम्मीदों को पूरा किया है। हमें उम्मीद है कि वह अब सेमीफाइनल में भी जीतेंगी और फ़ाइनल में पहुंचेंगी। हम चाहते है कि वह गोल्ड जीतें और पोडियम पर राष्ट्रीय धुन बजे।
लवलीना ने कहा कि मुझे अभी यहीं नहीं रुकना है मुझे आगे तक जाना है। मेरा अगला लक्ष्य गोल्ड है और इसके लिए मुझे सेमीफाइनल की तैयारी करनी है।
टोक्यो 2020 के सेमीफाइनल में पहुंचकर अपना कांस्य पदक पक्का करने वाली भारतीय मुक्केबाज लवलीना को फाइनल में पहुंचने के लिए शीर्ष वरीयता प्राप्त तुर्की की मुक्केबाज बसेनाज़ सुर्मेनेलि का सामना करना होगा। मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन बसेनाज़ के खिलाफ लवलीना का यह मुकाबला बुधवार 4 अगस्त कौ भारतीय समयानुसार सुबह 11 बजे खेला जाएगा।