सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही जिले के 741 बूथों पर शुक्रवार को मतदान होगा। इसके लिए मतदान दल गुरुवार को रवाना हो चुके हैं। पिण्डवाड़ा-आबू और रेवदर विधानसभा सीट पहले ही क्रमशः एसटी और एससी के लिए आरक्षित है। सिरोही विधानसभा सीट सामान्य की है, लेकिन फिलहाल इस सीट पर जातियों के वर्चस्व की लड़ाई है।
ओटाराम देवासी जहां रेबारी जाति के प्रतिनिधित्व के रूप में हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी जीवाराम आर्य कुम्हार समाज के चेहरे के रूप में। जिसकी जीत होगी वह जाति इस सीट पर भविष्य में अपना हक मांगने की अधिकारी बन सकेगी। प्रमुख जातियों को छोड़कर शेष मतदाता किसके पक्ष में जाएंगे अब इसका निर्णय शुक्रवार को मतदान केन्द्रों में होगा।
-ये दो चेहरे भी दावेदार
जिले में उक्त दोनों प्रत्याशियों के अलावा दो और चेहरे भी हैं जिनकी जातियां लम्बे अर्से से राजनीतिक पार्टियों से टिकिट पाने को प्रयासरत है। दीपा राजगुरु वैसे खुदको हिन्दुत्व के चेहरे के रूप में प्रस्तुत कर रही हैं, लेकिन इनके बहाने भाजपा के परम्परागत मतदाता राजपुरोहित समाज को अपनी भावी दावेदारी तय करने का रास्ता मिलेगा।
वहीं खुदको 36 कौम का दावेदार बताने और बाद में सिंधी समाज धर्मशाला मार्ग पर जाति की बैठक में अपने लिए समर्थन मांगने वाले तेजराज सोलंकी माली समाज के लिए खुदकी राजनीतिक ताकत के रूप में प्रस्तुत करने का एक माध्यम माने जा रहे हैं।
-सिरोही का मुकाबला अब भी त्रिकोणीय
सिरोही विधानसभा क्षेत्र का मुकाबला अब भी त्रिकोणीय बना हुआ है। यहां पर वर्तमान विधायक और भाजपा प्रत्याशी ओटाराम देवासी, कांग्रेस प्रत्याशी जीवाराम आर्य और कांग्रेस के बागी व पूर्व विधायक संयम लोढ़ा के बीच त्रिकोणीय मुकाबल साफ नजर आ रहा है।
इनके अलावा इस विधानसभा क्षेत्र में 12 केंडीडेट और हैं। नाम वापसी के अंतिम दिन यदि रमेश कुमार अपना नामांकन वापिस नहीं लेते तो सिरोही विधानसभा क्षेत्र में मतदान के लिए दो बैलेट यूनिट भेजनी पड़ती। एक बैलेट यूनिट में नोटा समेत 16 केंडीडेट का स्थान मिलता है।
-रेवदर और आबू-पिण्डवाड़ा कांटे का मुकाबला
रेवदर विधानसभा क्षेत्र में यूं तो कांग्रेस प्रत्याशी नीरज डांगी और वर्तमान विधायक व भाजपा प्रत्याशी जगसीराम कोली के बीच नजर आ रहा है, लेकिन अन्य प्रत्याशी भी अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं। इसी तरह सांगठनिक नेटवर्क के कारण आबू-पिण्डवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भी प्रमुख मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही नजर आ रहा है, लेकिन अन्य प्रत्याशियों की वोट खींचने की क्षमता ही विजेता तय करेगी।
इस विधानसभा क्षेत्र में माउण्ट आबू नगर पालिका क्षेत्र में बिल्डिंग बायलाॅज के कारण मतदान के बहिष्कार करने के निर्णय से भाजपा सांसत में थी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा इस समस्य के शीघ्र निस्तारण की बात पर माउण्ट आबू फिर से मुख्यधारा में आया है।