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एयर डेक्कन के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायत, ओटीपी में स्पाइसजेट अव्वल - Sabguru News
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एयर डेक्कन के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायत, ओटीपी में स्पाइसजेट अव्वल

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एयर डेक्कन के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायत, ओटीपी में स्पाइसजेट अव्वल

नई दिल्ली। घरेलू मार्गों पर हवाई यात्रियों की सबसे ज्यादा शिकायत एयर डेक्कन के खिलाफ रही जबकि समय पर उड़ान भरने (ओटीपी) के मामले में स्पाइसजेट का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा।

नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार फरवरी में एयर डेक्कन के खिलाफ प्रति एक लाख यात्री 467 शिकायतें आईं। इसके बाद प्रति एक लाख यात्री सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के खिलाफ 16, जेट एयरवेज और जेटलाइट के खिलाफ 12, गोएयर के खिलाफ पांच और ट्रूजेट तथा इंडिगो के खिलाफ तीन-तीन शिकायतें दर्ज की गई। एयर एशिया और स्पाइसजेट के खिलाफ प्रति एक लाख यात्री दो-दो शिकायतें और विस्तारा के खिलाफ एक शिकायत प्रति एक लाख यात्री दर्ज की गई।

कुल 642 शिकायतें सामने आई। यात्रियों को सबसे ज्यादा शिकायत उड़ान संबंधी समस्याओं को लेकर रहीं। इस श्रेणी में 31.5 प्रतिशत शिकायत दर्ज की गईं। बैगेज को लेकर 25.4 प्रतिशत, ग्राहक सेवाओं को लेकर 19.3 प्रतिशत, रिफंड को लेकर 6.9 प्रतिशत और कर्मचारियों के व्यवहार को लेकर 5.8 प्रतिशत शिकायतें आई।

देश के चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद हवाई अड्डों से समय पर उड़ान भरने के मामले में किफायती विमान सेवा कंपनी स्पाइसजेट का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। उसकी 78 प्रतिशत उड़ानें समय पर रवाना हुईं। इंडिगो की भी 74.8 प्रतिशत उड़ानें समय पर रवाना हुईं।

पूर्ण सेवा विमानन कंपनियों में 73.8 प्रतिशत ओटीपी के साथ विस्तारा पहले स्थान पर रही। ओवरऑल उसका स्थान तीसरा रहा। सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया का ओटीपी 68.8 प्रतिशत, गोएयर का 64.3 प्रतिशत और जेट एयरवेज तथा जेटलाइट का 62.2 प्रतिशत रहा।

उड़ानें रद्द होने के मामले में एयर ओडिशा और एयर डेक्कन का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। एयर ओडिशा की 85.19 प्रतिशत उड़ानें फरवरी में रद्द रहीं। एयर डेक्कन की भी 35 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं। जूम एयर की 10.71 प्रतिशत, इंडिगो की 1.30 प्रतिशत, गोएयर की 1.03 प्रतिशत, जेटलाइट की 0.98 प्रतिशत, एयर इंडिया की 0.85 प्रतिशत, स्पाइसजेट की 0.20 प्रतिशत, विस्तारा की 0.15 प्रतिशत, एयर एशिया की 0.14 प्रतिशत और जेट एयरवेज की 0.10 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुईं।

रद्द उड़ानों में 55.4 प्रतिशत के पीछे तकनीकी वजह बताई गयी है। प्रतिक्रियात्मक या अन्य कारणों से 28.7 प्रतिशत, मौसम के कारण 11.7 प्रतिशत तथा परिचालन कारणों से 3.9 प्रतिशत उड़ानें रद्द हुई हैं।