नई दिल्ली। केंद्र सरकार की कथित श्रमिक विरोधी, जनविरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ दस केंद्रीय मजदूर संघों के आह्वान पर आज आयोजित हड़ताल का देशभर में मिला जुला असर देखा गया।
प्रारंभिक खबरों के मुताबिक देशभर में बैंकिंग, बीमा, कोयला एवं अन्य खनन, पेट्रोलियम, डाक, दूरसंचार, इंजीनियरिंग, विनिर्माण, इस्पात, स्वास्थ्य, रक्षा, शिक्षा, जल प्रबंधन, सड़क परिवहन, केंद्र एवं राज्य सरकार कर्मचारी तथा आटो- टैक्सी से जुड़े क्षेत्रों में हड़ताल का मिश्रित असर रहा है।
दस केंद्रीय मजदूर संघों के आह्वान पर आयोजित दो दिवसीय हड़ताल का आज पहला दिन है। इस हड़ताल में आईएनटीयूसी, एआईटीयूसी, एचएमसी, सीआईटीयू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एसईडब्ल्यूए, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी से जुड़े संगठन शामिल हैं। मजदूर संगठनों ने आठ तथा नौ जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आयोजन किया है।
सीआईटीयू के महासचिव तपन सेन ने हड़ताल को सफल करार देते हुए कहा कि इसमें संगठित क्षेत्र के तकरीबन 20 करोड़ श्रमिकों ने हिस्सेदारी की। हड़ताल कल भी जारी रहेगी। हड़ताल में किसानों, खेतिहर मजदूरों, छात्रों, युवाओं और महिलाओं ने बढ़ चढ़ हिस्सा लिया।
देशभर में धरना प्रदर्शन, रास्ता रोको और रेल रोको का आयोजन किया गया। केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में बंद जैसे हालात रहे। मध्यप्रदेश के 22 जिलों में यातायात प्रभावित रहा। जम्मू कश्मीर में अंतरराज्यीय बसें नहीं चली। पश्चिम बंगाल में परिवहन, जूट और इंजीनियंरिंग उद्योग बंद रहे। त्रिपुरा के ग्रामीण क्षेत्रों में हडताल का पूर असर रहा।