नमस्कार दोस्तों इन दिनों सड़क सुरक्षा सप्ताह चल रहा है और ट्रेफिक पुलिस पर काफी ज्यादा दबाव भी है कि वह अधिक से अधिक चालान काटे और लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरुक करें और लोग भी इन दिनों काफी ज्यादा सावधानी बरत रहे हैं कि वह किसी ट्रेफिक पुलिस वाले के हाथ में न आ जाए इसलिए कई लो अपने साथ पूरे वाहन के कागज भी रखते हैं और हेलमेट भी लगा रहे हैं और कार चलाने वाले सीट बेल्ट लगा रहे हैं लेकिन कई बार लोग ट्रेफिक पुलिस के पकड़ में आ जाने के बाद पूरे कागज दिखाने के बाद भी उन से बच नहीं पाते क्योंकि ट्रेफिक पुलिस किसी ना किसी प्रकार से कोई ना कोई कमी निकाल कर उनकी गलती साबित कर देती है और उन्हें चालान भरना पड़ता है या उन्हें घुस खिला कर वहां से निकलना पड़ता है।
कई बार ट्रेफिक पुलिस प्रशासन पूरी तरीके से सही भी होता है वह बिल्कुल सही मामले में चालान काटते हैं लेकिन इसके चलते कई बार गलती चालक की भी नहीं होती बल्कि चालक ट्रैफिक सिग्नल की गलती से या उसमें कई बार ऐसी स्थिति होती है चालक को ट्रैफिक सिग्नल समझ का पता ही नहीं चलता क्योंकि खराबी होती है जैसे ट्रैफिक लाइट सही से काम नहीं कर रही होती जो कि चालक को असमंजस में डाल देती है और कई बार ऐसी होती है जो आज की हमारी खबर मिलेगी जयपुर में टोंक रोड जयपुर हॉस्पिटल के पास ट्रैफिक सिग्नल लगा हुआ है और खास बात यह है केवल ट्रैफिक सिग्नल पूरी तरीके से पेड़ के पत्तों से ढका हुआ है, ट्रैफिक सिग्नल चाहे हरा हो चाहे लाल वह किसी चालक को पूरी तरीके से दिखता नहीं है और इसके चलते चालक को काफी ज्यादा परेशानी होती है और कई बार ट्रैफिक सिग्नल सही से ना देखने पर चालक गलती से सिग्नल तोड़ देता है और ट्रेफिक पुलिस उसका अच्छा खासा चालान बना देती है यह एक सिर्फ एक उदाहरण है।
इस तरह के कई ऐसे चीजें हैं जिसमें चालक की कई बार गलती नहीं होती लेकिन चालक को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है आप फोटो (Signal Jaipur Hospital, tonk road, 15 sep 2018-11:00AM) में देख सकते हैं ट्रैफिक सिग्नल पत्तों से ढका हुआ है और पूरी तरीके से दिख भी नहीं रहा लेकिन चालक क्या करें यह जिम्मेदारी ट्रेफिक पुलिस प्रशासन की होती है उसे सही करें कई बार ऐसा भी होता है जिसमें जेब्रा लाइन पूरी तरीके से धुंधली हो चुकी होती है या मिट चुकी होती है और चालक को पता नहीं चलता और गलती से लाइन क्रॉस कर देता है या जेब्रा लाइन पर आकर खड़ा हो जाता है तब भी वाहन चालक को ट्रेफिक पुलिस की मुसीबत झेलनी पड़ती है।
यातायात के नियमों का पालन करना अच्छी बात है यातायात नियम तोड़ने वालों को चालान भी भरना चाहिए ताकि ऐसी गलती दोबारा ना करें लेकिन यातायात नियम जिन पर निर्भर करता है उनको भी यह जिम्मेदारी रखनी चाहिए यातायात से जुड़ी सभी चीजें वाहन चालक की तरफ से ही नहीं बल्कि ट्रेफिक पुलिस की तरफ से भी सही हो या यातायात प्रशासन को उसके बारे में जोर देना चाहिए इस प्रकार की जितनी भी चीजें गलत है उसको सुधारना चाहिए उसके बाद किसी चालक को चालान के लिए उसकी गलती के लिए सजा देनी चाहिए।