जयपुर। राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने राजस्थान के उप मुख्यमंत्री एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट को पत्र लिखकर कोरोना महामारी को रोकने के लिए ग्राम पंचायतों एवं पंचायत राज संस्थाओं को देय केन्द्रीय एवं राज्य वित्त आयोग की राशि अतिशीघ्र हस्तांतरित किए जाने की मांग की है।
राठौड़ ने पत्र में अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा 30 मार्च को लिखे गए एक पत्र के संदर्भ में बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए आवश्यक दवाओं जैसे सोडियम हाइपो क्लोराइट का छिड़काव, वितरण और पंचायत राज संस्थाओं के कार्मिकों एवं निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को आवश्यक सुरक्षा सामग्री सैनेटाइजर, मास्क एवं हाथों के दस्ताने की व्यवस्था के लिए ग्राम पंचायतों को अधिकतम 50 हजार रुपए, विकास अधिकारी को प्रति पंचायत समिति में एक लाख रुपए एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद को डेढ़ लाख रुपए व्यय किए जाने को लेकर वित्तीय स्वीकृति जारी करने का प्रावधान था, लेकिन विभाग द्वारा राज्य वित्त आयोग पंचम के मद में एक रुपया भी नहीं भेजने से गांवों मे दवाइयों के छिड़काव जैसे अति महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए ग्राम पंचायतों के पास राशि उपलब्ध ही नहीं है।
उन्होंने बताया कि पंचायती राज विभाग द्वारा जारी 30 मार्च के निर्देशों के बाद वित्त विभाग द्वारा 10 दिन पश्चात् अस्वीकार किया जाना इस बात का संकेत है कि दोनों ही विभागों में सामंजस्य का अभाव है और वित्त विभाग जान बूझकर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की सभी गतिविधियां बंद करने पर आमादा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 45 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त हैं और केन्द्रीय एवं राज्य वित्त आयोग की राशि वर्ष 2019-20 में नहीं मिलने से ग्राम पंचायतों के खातों में शेष राशि हजारों में भी अब उपलब्ध नहीं है। जिस वजह से न तो कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में गांवों में आवश्यक कार्य हो पा रहे हैं और न ही ग्राम पंचायत सहायकों को मानदेय मिल रहा है।
राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि संविधान के 73वें संशोधन के अनुसार राज्य वित्त आयोग पंचम की प्रथम किश्त 1086 करोड़ रुपए और दूसरी किश्त 2036 करोड़ की राशि पंचायती राज संस्थाओं के खाते में सीधे हस्तांतरित हो जानी चाहिए थी, लेकिन अब तक रुपया भी इन्हें नहीं भेजा गया है।