रियाद। सऊदी अरब बदल रहा है ! जी हाँ, बिल्कुल सही पढ़ा आपने। अब सऊदी अरब की महिलाएं किसी संरक्षक की अनुमति के बिना विदेश यात्राओं जा सकेंगी। इस ऐतिहासिक सुधार के बाद वह पुरानी संरक्षण प्रणाली समाप्त हो गई, जिसके तहत कानूनन महिलाओं को स्थाई रूप से नाबालिग समझा जाता है। पासपोर्ट हासिल करने और किसी पुरुष संरक्षक की अनुमति के बिना विदेश यात्रा की इजाजत संबंधी ऐतिहासिक सुधारों को लागू कर दिया गया है। इन सुधारों की घोषणा इसी महीने की गई थी।
क्या है नया कानून
इस नियम के अनुसार, अब 21 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को पासपोर्ट हासिल करने और अभिभावक की सहमति हासिल करने की इजाजत नहीं होगी। यह जानकारी सरकारी गजट उम्म उल कुरा में प्रकाशित की गई थी। पुराने नियम के अनुसार, सऊदी अरब में किसी भी उम्र की महिला बिना किसी पुरुष संरक्षक के विदेश यात्रा पर नहीं जा सकती है। यह नियम 21 वर्ष के कम उम्र के पुरुषों के साथ भी लागू है।
बता दें, ये दशक सऊदी अरब की महिलाओं के लिए खास रहा है। तो चलिए जानते है कैसे-
* साल 2012 में सऊदी महिलाओं को खेलों में हिस्सा लेने का हक मिला। पहली बार सऊदी महिला ओलिंपिक खेलों में शामिल हुईं।
* दिसंबर 2015 में महिलाओं को वोट डालने का अधिकार प्राप्त हुआ। इसके पूर्व उनको इस अधिकार से वंचित रखा गया था।
* साल 2017 में सऊदी महिलाओं को पासपोर्ट दिए जाने के सारे बंधन हटा दिए गए। उन्हें स्वतंत्र पासपोर्ट दिया जाने लगा।
* साल 2018 में महिलाओं को स्टेडियम में प्रवेश की अनुमति हासिल हुई। इसी वर्ष महिलाओं को सेना में भर्ती की अनुमति प्रदान की गई। इसके साथ उन्हें स्वतंत्र कारोबार की इजाजत भी मिली।