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
देलदर (सिरोही)। सिरोही जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र निचलागढ सडक मार्ग पर 3 नंबर पर बीते साल कांटी वाली पुलिया टूट जाने के बाद इस साल पुनर्निर्माण देरी से शुरू किए जाने का खमियाजा आदिवासियों को भुगतना पड रहा है। मुख्य रास्ता बंद होने के कारण बनाया गया वैकल्पिक मार्ग भी 22 जून को आई बारिश से बने तेज बहाव में बह गया। ऐसे लोग निर्माणाधीन अधूरे पुल पर से आवाजाही को मजबूर हो गए।
आधा अधूरा पुल निर्माण, बडे हादसे का अंदेशा
नए पुल का निर्माण जारी है, सरियों के सहारे बनाए जा रहे सीमेंट के पुल की तराई भी नहीं हुई थी कि बीती 22 जून की शाम को तेज बारिश के बहाव में वैकल्पिक मार्ग बह गया और निचलागढ का अन्य स्थानों से संपर्क कट गया। मजबूरन लोगों को निर्माणाधीन पुल से ही गुजरने की नौबत आ गई। पुल पर अवरोध के रूप में लगाए गए मिट्टी भरे कट्टों को श्रमिकों ने हटा लिया। अब इस अधूरे बने पुल पर सवारी वाहन भी गुजर रहे हैं। हालांकि कुछ वाहन पुल से पहले सवारियों को उतार देते हैं तथा पुल पार करने के बाद सवारी फिर बैठा लेते हैं। लेकिन खतरा बना हुआ है।
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भाखर क्षेत्र से पूर्व जिला परिषद सदस्य कालीचंद गरासिया का कहना है कि इस पुल से गुजरने वालों को जान जोखिम में डाल कर निकलना पडता है। पुल के दोनों ओर सुरक्षा दीवार नहीं होने से हर समय नीचे गिरने का भय बना रहता है। निर्माणाधीन पुल को पर्याप्त पानी की तराई न मिलने से गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि यही आलम रहा तो तेज बारिश के दौरान बहाव में पुल फिर टूट सकता है।