जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जाति, धर्म, भाषा और बोली सहित तमाम विविधताओं से भरे हमारे देश में एकता के सूत्र को और मजबूत करने के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
गहलोत आज मुख्यमंत्री निवास पर नेहरू युवा केन्द्र संगठन के तत्वावधान में 13वें आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में झारखण्ड और छत्तीसगढ़ के नक्सलवाद प्रभावित जिलों से आए करीब 200 आदिवासी युवा मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय इस दिशा में पहल करे ताकि देश के विभिन्न राज्यों के युवाओं एवं बच्चों के लिए अधिक से अधिक कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम चलाए जा सकें। इससे युवा एक-दूसरे के नजदीक आएंगे और अनेकता में एकता की भावना और प्रगाढ़ होगी।
गहलोत ने कहा कि देश के युवाओं की ऊर्जा का उपयोग रचनात्मक कार्या में करने की दिशा में नेहरू युवा केन्द्र संगठन बड़ी भूमिका निभा रहा है। राज्य सरकार ने प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में नेहरू युवा केन्द्र के कार्यालय की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है। यदि इसे मंजूरी नहीं मिलती है तो यहां के युवाओं को रचनात्मक कार्यों से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य सरकार स्वयं के स्तर से इसके लिए संसाधन उपलब्ध कराएगी।
उन्होंने कहा कि आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत आए इन युवाओं को प्रदेश के इतिहास, संस्कृति एवं सभ्यता की जानकारी मिले, इसके लिए जरूरी है कि उन्हें जयपुर के साथ-साथ राज्य के अन्य स्थानों के भ्रमण पर भी ले जाया जाए। राज्य सरकार इसकी व्यवस्था करेगी।
गहलोत ने कहा कि प्रकृतिपूजक आदिवासी समाज ने सदियों से जल, जंगल और जमीन को बचाए रखा है। राज्य सरकार इस समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने तथा उनके कल्याण के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है। उन्हें अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा शिक्षा एवं रोजगार के भरपूर अवसर प्रदान करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। हमारा प्रयास है कि आदिवासी युवा इन योजनाओं का लाभ उठाकर खुशहाल बनें।
कार्यक्रम में खेल एवं युवा मामलों के राज्यमंत्री अशोक चांदना ने कहा कि सदियों चले संघर्ष, त्याग और बलिदान के बाद देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम हुई। संविधान ने सभी वर्गों को समान अधिकार दिए और विकास में सबको भागीदार बनाया है। इसके बावजूद कई विचारधाराएं एवं संगठन हिंसा और नफरत फैलाकर देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं। युवा अपनी रचनात्मक शक्ति से ऎसी ताकतों को मुंह तोड़ जवाब दे सकते हैं।
नेहरू युवा केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक पश्चिम क्षेत्र समन्वयक डॉ. भुवनेश जैन ने आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश के सात राज्यों के तीन हजार आदिवासी बच्चों का चयन इस एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत किया गया है। प्रत्येक दल में 200 बच्चों को शामिल कर देश के 15 विभिन्न स्थानों के सात दिवसीय भ्रमण पर भेजा गया है।