SABGURU NEWSW | जब व्यक्ति की Digestive System सुचारू रूप से कार्य करना बंद कर देती है, तब उसे उल्टी और पतले दस्त होने लगते हैं यही स्थिति डायरिया कहलाती है। डायरिया, Bacterial and Viral Infection के कारण होता है, जो दूषित भोजन या खाने के द्वारा व्यक्ति के शरीर में पहुंच कर, पाचन क्रिया को प्रभावित करते हैं।
त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी नीत गठबंधन सरकार के कुर्सी संभालते ही राज्य के उत्तरी क्षेत्र में डायरिया का कहर टूट पड़ा है जिससे एक सप्ताह के अंदर नौ लोगों की मौत हुई है। सरकार के लिए एक चुनौती बने डायरिया के महामारी का रूप लेने की अाशंका व्यक्त की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री सुदीप राय वर्मन ने प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए सोमवार को नई टीम को भेजा है। वर्मन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे डायरिया से निपटने के वास्ते तत्काल अापात कदम उठाने के लिए सभी उप मंडलीय अधिकारियों को अर्लट जारी करें। उन्होंने साफ किया कि किसी भी स्तर पर ड्यटी में कोताही बरतने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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उन्होंने कहा कि मैंने निदेशक से पूछा है कि कैसे एक सप्ताह में नौ लोगों की मौत हो गई और मौत की पहली घटना सामने आने के बाद ही क्यों नहीं इसकी रोकथाम के लिए उचित कदम उठाया गया?
वर्मन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय में लाल फीताशाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मानव जीवन अमूल्य है और इसकी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे। इस मामले में किसी तरह कोताही और प्राशासनिक विलंब स्वीकार्य नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार मुस्लिम बहुल उत्तरी सीमांत गांव धर्मनगर में दूषित पेयजल के कारण डायरिया से लोगों की मौत हुई। दो मार्च को ये मौतें उस समय हुई जब पूरा प्रशासन पियारीचेरा, रानीबाड़ी और सोनाईचारी गांवों में मतगनणा की तैयारियों में व्यस्त था।
कई लोग डायरिया की चपेट में हैं आैर सर्वाघिक लोगों का घरों पर ही इलाज चल रहा है। कम से कम आठ लोगों को घर्मपुर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मेडिकल की एक टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके दवाइयां बांटी थी लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ है।