अगरतला। त्रिपुरा में विप्लव कुमार देव सरकार 164 करोड़ रुपए के घोटाला के आरोपी पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री एवं वामपंथी नेता बादल चौधरी की गिरफ्तारी में विफल रहने के बाद ना केवल परेशान है बल्कि इसे गंभीर शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ रहा है।
चौधरी की गिरफ्तारी के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक सहित वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से उनके सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी के बावजूद पुलिस अब तक उनका पता नहीं लगा पाई है।
रिपोर्ट के अनुसार चौधरी काे गिरफ्तार करने में विफल रहने के कारण पश्चिमी त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक अजीत प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है जबकि संबंधित रेंज के डीआईजी अरिंदम नाथ और मामले के जांच अधिकारी एवं पुलिस उपाधीक्षक राजू रेनग को हटा दिया गया है। ये सभी अधिकारी राज्य पुलिस के खुफिया रडार में थे। उधर, राज्य के मुख्यमंत्री ने गुरुवार देर रात तक जांच की प्रगति की समीक्षा की।
चौधरी के गायब होने से उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। चौधरी (73) हृदय रोग सहित कई बीमारियों से पीड़ित हैं और दो बार बाईपास सर्जरी भी हो चुकी है और अभी भी दवा के सहारे हैं। ऐसी स्थिति में दो दिनों से उनके लापता होने के बाद सरकार को तनावपूर्ण स्थिति से गुजरना पड़ रहा है।
राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस को किसी भी कीमत पर उसका पता लगाने के लिए समयबद्ध कार्रवाई के लिए कहा गया है। माकपा नेताओं और उनके परिवार के सदस्यों में से किसी ने भी अभी तक उनके ठिकाने के बारे में कुछ नहीं बताया है लेकिन बार-बार उनकी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति की याद दिला रहे हैं।
दरअसल आरोपी पूर्व मंत्री और अधिकारियों के वकीलों ने कहा कि पिछले पांच दिनों से हिरासत में रहे सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता सुनील भौमिक को उचित भोजन और सुविधाएं नहीं दी गईं, जिससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया।
इस बीच, पुलिस ने कहा कि चौधरी का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शहर के बाहर तेज कर दिया गया है और उम्मीद है कि पुलिस बहुत जल्द उन्हें गिरफ्तार कर लेगी। पुलिस ने यह भी कहा कि आरोपों की जांच के लिए चौधरी की हिरासत जरूरी है।
हालांकि, पश्चिम त्रिपुरा के नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक माणिक लाल दास और मामले के जांच अधिकारी अजय दास ने पद भार ग्रहण कर लिया है और गुरुवार रात से ही काम करना शुरू कर दिया है, लेकिन उन्हें भी अभी तक इस मामले में कोई सफलता हासिल नहीं हो सकी है। पुलिस अधिकारी अभी तक यह नहीं बता पाए हैं कि चौधरी देर रात को सुरक्षा घेरा तोड़ने में कैसे कामयाब रहे।