अगरतला। त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में अंद्धरुनी कलह के बीच विधायक सुशांत चौधरी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के मंडल अध्यक्ष बदलने जाने के विरोध में शनिवार को पार्टी की राज्य समिति से इस्तीफा दे दिया।
चौधरी ने राज्य नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जो लोग दशकों से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ लड़ रहे थे उन्हें पार्टी से दरकिनार कर दिया गया है। अब 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान त्रिपुरा में भाजपा को हराने के लिए काम करने वाले भाकपा कैडर को बढ़ावा दिया जा रहा है। हमारी बार बार अपील के बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और परिणामस्वरूप भाकपा चतुराई से पार्टी पर कब्जा करती जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय स्तर पर बिना किसी परामर्श के दो दिन पहले उनके निर्वाचन क्षेत्र पूर्वी अगरतला में मजलिसपुर के मंडल अध्यक्ष को अचानक बदल दिया गया। जो भाजपा.आईपीएफटी सरकार के सत्ता में आने के बाद ही भाकपा से भाजपा में शामिल हुए थे। उनका मानना है कि यह भाजपा कमजोर करने के लिए उठाया गया कदम है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब और सरकार खिलाफ भाजपा नेताओं एक समूह और कुछ अन्य विधायकों में असंतोष है। उन्होंने कहा कि मामले को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष रखते हुए उचित कदम उठाने का आग्रह किया गया है।
उन्होंने कहा कि हमें चुनावों में किए गए वादों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो अभी तक पूरी नहीं हुए हैं। अन्यथा भाकपा राज्य में एक बार फिर सत्ता में आएगी।