अगरतला। त्रिपुरा में एक दंपती ने संतान के रूप में लड़की का जन्म होने के कारण आत्महत्या कर ली। इस तरह की घटनाएं दिखाती हैं कि केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण अभियान ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का असर अभी भी देश के कुछ लोगों पर नहीं हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार त्रिपुरा के बेलोनिया के गौतम नगर गांव में दो दिन पहले एक युवा दंपती ने बेटी का जन्म होने के कारण आत्महत्या कर ली। दंपती और उसका परिवार चाहता था कि बेटे का जन्म हो इसके लिए उन्होंने कई धार्मिक अनुष्ठान भी किए थे और पिछले सप्ताह जब लड़की पैदा हुई तब वे उदास हो गए।
पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और सात दिन की बच्ची स्वस्थ है और उसे परिवार के एक अन्य दंपती को सौंप दिया गया है। गोविंदा दास और सुप्रिया दास बेटा होने की उम्मीद कर रहे थे लेकिन बेटी होने के बाद उनका पूरा परिवार दुखी हो गया था।
एक पड़ोसी ने कहा कि परिवार के सदस्य बेटा नहीं होने का कारण सुप्रिया को ताना दे रहे थे और शुरुआत में गोविंदा ने स्थिति को संभालने की कोशिश की लेकिन विफल रहा। इसके परिणामस्वरूप 19 जुलाई को गोविंदा ने आत्मदाह कर लिया और इसका पता चलने के बाद उसकी पत्नी सुप्रिया ने भी जहर खाकर आत्महत्या कर ली।