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Tripura High Court judge Arindam Lodh fell victim to cyber fraud - Sabguru News
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त्रिपुरा उच्च न्यायालय के जज का एकाउंट हैक, 1 लाख चाेरी

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त्रिपुरा उच्च न्यायालय के जज का एकाउंट हैक, 1 लाख चाेरी
Tripura High Court judge falls victim to cyber fraud, loses Rs 1 lakh
Tripura High Court judge falls victim to cyber fraud, loses Rs 1 lakh
Tripura High Court judge falls victim to cyber fraud, loses Rs 1 lakh

अगरतला | त्रिपुरा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अरिंदम लोध का बैंक एकाउंट हैक कर एक लाख रुपये की चोरी करने का मामला सामने आया है। पुलिस की साइबर अपराध इकाई पिछले पांच दिनाें से साइबर चाेरों को पकड़ने का नाकाम प्रयास कर रही है। 

न्यायमूर्ति लोध ने 26 अगस्त को घटना के प्रकाश में आने के तुरंत बाद पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज करायी थी लेकिन पुलिस को अभी तक इस संबंध में कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगी है। 

पश्चिम अगरतला थाना के प्रभारी डी पी राय ने दावा किया कि चूंकि यह अपराध साइबर ठगी से जुड़ा है इसलिए इस मामले को आगे की जांच के लिए साइबर सेल को रेफर कर दिया गया है। 

साइबर अपराध सेल के सूत्रों ने कहा कि जांच की प्रगति सही दिशा में जा रही है। सूत्रों ने उम्मीद व्यक्त की कि मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।

दर्ज शिकायत के मुताबिक न्यायमूर्ति लोध के एटीएम एकाउंट से 26 अगस्त को नयी दिल्ली के यमुना विहार के एटीएम के जरिये पांच बार 20-20 हजार रुपये निकाले गये जबकि एटीएम कॉर्ड न्यायमूर्ति के पास ही थी। जब उन्हें रुपये की निकासी के संबंध में बैंक के संदेश मिले तो उन्होंने बैंक से इसकी शिकायत की। बैंककर्मी साइबर ठगी करने वाले की पहचान करने में विफल रहे लेकिन उन्होंने घटना वाले एटीएम के आस-पास अलर्ट जारी कर दिया। 

पुलिस ने दावा किया कि धोखाधड़ी करने वाले बैंक सर्वर में उचित सुरक्षा के अभाव में ग्राहकों की जानकारी हासिल करने के बाद उनके कार्ड क्लोन कर रहे हैं। इसके अलावा कई मामलों में पाया गया कि अनधिकृत लेनदेन में उपस्थिति विवरण होने के बावजूद बैंकों ने अपराधियों को रोकने के लिए कोई त्वरित कार्रवाई नहीं की। 

जांच में शामिल पुलिस अधिकारी ने कहा,“दिशानिर्देशों के अनुसार, प्रत्येक एटीएम में एक प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मी होना चाहिए जो एटीएम बूथ के अंदर ग्राहकों की गतिविधि पर नजर रख सके लेकिन अधिकांश बैंकों ने इसका पालन नहीं किया। नतीजतन, अपराधियों के लिए एटीएम धोखाधड़ी आसान हो जाती है जबकि बैंक इसकी जिम्मेदारी लेने से इंकार कर देता है।”