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त्रिपुरा में भाजपा में दरार बढ़ी, देव वर्मा से नहीं हो पा रहा है सम्पर्क - Sabguru News
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त्रिपुरा में भाजपा में दरार बढ़ी, देव वर्मा से नहीं हो पा रहा है सम्पर्क

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त्रिपुरा में भाजपा में दरार बढ़ी, देव वर्मा से नहीं हो पा रहा है सम्पर्क

अगरतला। त्रिपुरा में आश्चर्यपूर्ण तरीके मुख्यमंत्री को बदले जाने की घटना से भारतीय जनता पार्टी के अनेक नेता और विधायक असंतुष्ट हो गए हैं। इनमें से कुछ नेताओं ने दावा किया है कि माणिक साहा को विप्लव कुमार देव की जगह राज्य का मुख्यमंत्री नामित करने से पहले पार्टी के भीतर कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ था।

राजभवन के सूत्रों ने आज सुबह कहा कि भाजपा ने अभी तक उन मंत्रियों की सूची नहीं सौंपी है, जिन्हें साहा के साथ शपथ दिलाई जानी है। देव के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री रहे एवं भाजपा के दिग्गज नेता जिष्णु देव वर्मा साहा के विधायक दल के नेता बनने के बाद से किसी के सम्पर्क में नहीं हैं। पार्टी नेताओं के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों के कई कोशिशों के बावजूद देव वर्मा से संपर्क नहीं हो पा रहा है।

पार्टी के प्रदेश प्रभारी विनोद सोनकर के नेतृत्व में नेताओं का एक समूह कथित तौर पर शनिवार-रविवार की आधी रात के आसपास देव वर्मा के घर पहुंचा था, लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। बाद में उनसे संपर्क के लिए पुलिस बुलाई, लेकिन यह कोशिश भी असफल रही। सोनकर और साहा सहित भाजपा नेताओं ने रविवार को देव वर्मा से मिलने के लिए तीन बार प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली।

साहा की पदोन्नति के बाद से विधायकों का एक अन्य समूह का रवैया प्रतिकुल हो गया है। इस समूह ने अपनी अगली रणनीति पर चर्चा के लिए आधी रात को बैठक की। यह बैठक विधायक एवं पूर्व मंत्री राम प्रसाद पॉल के घर पर हुई, लेकिन किसी ने मीडिया से बात नहीं की।

उल्लेखनीय है कि राज्य में 10 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे विप्लव कुमार देव ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कुछ समय बाद भाजपा ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष माणिक साहा को विधायक दल के नए नेता के रूप में चुना। इससे पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के बीच भारी आक्रोश है।

भाजपा विधायक परिमल देववर्मा ने पार्टी नेतृत्व को उसकी पसंद को लेकर फटकार लगाई और सवाल किया कि इसके लिए पहले परामर्श क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि विधायकों को बैठक में क्यों नहीं बुलाया गया? साहा को हाल ही में राज्यसभा सांसद बनाया गया था, हमने इसका विरोध नहीं किया था। लेकिन इतने विधायक होने के बावजूद एक सांसद को मुख्यमंत्री बनाया गया है। क्या विधायक के रूप में हमारा कोई महत्व नहीं है? आप देखेंगे आने वाले दिनों में और नेता बोलेंगे। यह बिल्कुल अच्छा नहीं हुआ।

साहा ने नाम की घोषणा के तुरंत बाद अगरतला में भाजपा विधायक दल की बैठक में हंगामा हुआ। मंत्री एवं त्रिपुरा के सबसे पुराने भाजपा नेताओं में से एक राम प्रसाद पॉल – फूट-फूट कर रो पड़े। उन्होंने कहा कि मैं मर जाऊंगा, मैं ऐसी पार्टी के लिए काम नहीं करूंगा।