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सबगुरु न्यूज-पड़ताल: कांग्रेस की योजना से भाजपा को तार रही है CM राजे! - Sabguru News
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सबगुरु न्यूज-पड़ताल: कांग्रेस की योजना से भाजपा को तार रही है CM राजे!

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सबगुरु न्यूज-पड़ताल: कांग्रेस की योजना से भाजपा को तार रही है CM राजे!
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान सिरोही आगमनी मंच पर आए राष्ट्रीय बाल स्वास्य कार्यक्रम के लाभार्थी बच्चे।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान सिरोही आगमनी मंच पर आए राष्ट्रीय बाल स्वास्य कार्यक्रम के लाभार्थी बच्चे।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान सिरोही आगमनी मंच पर आए राष्ट्रीय बाल स्वास्य कार्यक्रम के लाभार्थी बच्चे।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह की योजना से अपनी नैया पार लगाएंगी। कांग्रेस के नेता लोढ़ा अपने आरोपों से यही दर्शाना चाह रहे हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा सिरोही व सरूपगंज में राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान मंच पर हृदय रोग से पीड़ित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम आरबीएसके के लाभार्थी बच्चों को पेश किया था।

उनका दावा था कि वह इस तरह की योजना से बीमार बच्चों को स्वस्थ करने की इच्छा शक्ति दिखा रही हैं। पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने इस योजना को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के कार्यकाल में शुरू की गई योजना होने का दावा किया। सबगुरु न्यूज ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और सिरोही से कांग्रेस के पूर्व विधायक संयम लोढ़ा के दावों की हकीकत जानने के लिए पड़ताल की तो वाकई चैंकाने वाले दस्तावेज सामने आए।
-ये हकीकत सामने आई
सबगुरु न्यूज ने इंटरनेट पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से संबंधित दस्तावेजों को खंगालना शुरू किया। भारत सरकार के आधिकारिक बयान देने वाली संस्थान प्रेस इंर्फोमेशन ब्यूरो के दो ऐसे दस्तावेज सामने आए जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि इस योजना की नींव 2006 में मनमोहनसिंह सरकार ने रखी थी और फरवरी 2013 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत इसे लागू भी मनमोहनसिंह सरकार ने किया।

प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो द्वारा राष्ट्रिय बाल स्वास्थ्य योजना के लिए जारी प्रेस नोट्स।
प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो द्वारा राष्ट्रिय बाल स्वास्थ्य योजना के लिए जारी प्रेस नोट्स।

इसके अलावा जब राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन की वेबसाइट को देखा तो उसमें राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की संपूर्ण जानकारी सामने आ गई। इस साइट में दी गई जानकारी के अनुसार वर्ष 2006 में बच्चों में फैल रही बीमारियों का सर्वे करवाया गया। उसमें 0-6 वर्ष तक के बच्चों में गंभीर बीमारियां पाई गई।

एनआरएएम की साइट से इस योजना को लागू करने की तिथि संभवतः हटा दी गई है, लेकिन प्रेस इंफोमेशन ब्यूरो के प्रेस नोट तथा अखबारों व टीवी की रिपोर्टिंग स्पष्ट कर रही हे कि इस योजना के सर्वे से लेकर भारत के भावी भविष्य को जीवन देकर गरीब मां-पिता को सहयोग देने के लिए इसे लागू करने का काम पूर्व की मनमोहन सरकार ने किया है।
-सामने आए आंकड़े
प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो के द्वारा जारी दस्तावेज सबगुरु न्यूज के हाथ लगे।  इसमे मनमोहनसिंह सरकार के समय के बजट का जिक्र है । वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के कार्यकाल मे 18 जुलाई 2014 के प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो अनुसार राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना की शुरू आत फरवरी 2013 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ मिशन के तहत की गई है।

प्रथम फेज में इसमें पैदा होते ही गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो जाने वाले छह से 18 वर्ष के 27 करोड़ बच्चों को कवर किया गया था, जिसके तहत हाॅस्पीटल में पैदा हुए बच्चों की स्क्रीनिंग आशा ने, आंगनवाड़ी में जाने वाले और निजी व सहायता प्राप्त विद्यालयों के छह से 18 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग आयुष डाक्टर, एक एएनएम और फार्मासिस्ट की टीम से करवाई गई।

2013-14 के बजट में जहां मनमोहनसिंह सरकार ने इसके लिए 1176.37 करोड़ रुपये का बजट पारित किया था। जिसमें राजस्थान को 3026. 24 लाख रुपये अलोकेट हुए थे। वहीं 17 मार्च, 2017 को जारी प्रेस नोट के अनुसार केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते के लोकसभा में दिए गए जवाब के अनुसार पीयर एजुकेशन प्रोग्राम के साथ 2014 में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया गया था।

इसके लिए वर्ष 2016-17 मंे 3688 लाख रुपये का बजट केन्द्र सरकार द्वारा जारी किया गया था। सिरोही और सरूपगंज में मंच पर दिल के आकार के आरबीएसके के बोर्ड के साथ प्रदर्शित लाभार्थी बच्चों के बोर्ड पर आरबीएसके तो बहुत बड़ा लिखा था, लेकिन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन या राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन दूर से कहीं दिखाई भी नहीं दे रहा था।
-निजी स्कूलों के बच्चों को भी शामिल नहीं कर पाई सरकार
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शून्य से 18 वर्ष तक के उन बच्चों को गंभीर बीमारियों के लिए स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है, जो आंगनवाड़ी या सरकारी स्कूलों में पढ रहे हैं। यह प्रावधान 2013 से ही है। लागू होने के पांच साल बाद निजी स्कूलों के बच्चों को इसमें शामिल नहंी किया गया है। वैसे इसके लिए किसी भामाशाह, बीपीएल या अन्त्योदय कार्ड की आवश्यकता नहीं है।