सबगुरु न्यूज-सिरोही। नेशनल हाइवे संख्या 62 पर सिरोही के बाहरी घाटा सेक्शन पर स्थित टनल के मुहाने पर शुक्रवार को रॉक स्लाइडिंग में 4 मजदूरों की मौत के मामले में पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। इस प्रकरण में L&T के अधिकारियों समेत 8 लोगों को इसमे नामजद किया गया था। इन सभी ने सिरोही न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है, जिस पर बुधवार को सुनवाई है।
इधर , सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि कुछ नेता इस प्रकरण में L&T के अधिकारियों को सहयोग देने का दबाव भी पुलिस पर डाल रहे। ऐसे में पीड़ितों का पुरजोर पक्ष नहीं रखने की आशंका के मद्देनजर पीड़ितों ने इस मामले में अपना वकील भी खड़ा किया है जिससे पैरवी में कोई कमी नहीं रह जाये।
-दो अलग-अलग कम्पनियां
टनल के आसपास के पत्थरों की कटिंग और सफाई करने वाली कम्पनी और मृतक मजदूर जिस कम्पनी के लिए कार्य करते थे वो अलग अलग हैं। सूत्रों के अनुसार मृतक जयपुर बेस एक कम्पनी के लिए काम करते थे जिसके पास रोड के आसपास सफाई और पेड़ों को पानी पिलाने का काम है। वहीं टनल सफाई का काम अहमदाबाद बेस एक कम्पनी को दिया हुआ है। टनल के रखरखाव का ठेका लेने वाली कम्पनी ने टनल के पास के पत्थरों को हटाने के लिए मशीन तो भेज दी, लेकिन इस कार्य में पारंगत मजदूर नहीं लाये।
ऐसे में पत्थर हटाने के लिए सड़क पर पानी पिलाने का ठेका लेने वाली कम्पनी के मजदूर लगा दिए। सूत्रों के अनुसार अब ईएसआई और पीएफ के लिए L&T इन्हीं जयपुर बेस कम्पनी से बात कर रही है तो वो खुद इस हादसे से अवाक है। सूत्रों की मानें तो जयपुर बेस इस कम्पनी के मालिकों और सुपरवाइजर को पता ही नहीं था कि उनके मजदूर टनल पर कब लगाए। सवाल ये भी है कि इन मजदूरों को इस कम्पनी के साथ काम करते हुए आखिर कितना समय हुआ होगा कि इनका ईएसआई और पीएफ इतना बन जायेगा कि 7-8 लाख रुपये मृतक परिजनों को मिल जाये।
-एफआईआर में नाम आने से नाराज अधिकारी
नेगोसिएशन और कम्पनसेशन देने की घोषणा के बाद भी इस हादसे के बाद दर्ज एफआईआर में नाम आने से कम्पनी के अधिकारी नाराज हैं। सूत्रों के अनुसार इन्होंने अपनी नाराजगी नेगीसीएशन में शामिल नेता को बताते हुए आगाह भी किया है। इस तरह आगाह करने से नेता भी नाराज हुए हैं। इस प्रकरण में एक मृतक के चाचा से मिली रिपोर्ट के आधार पर सिरोही पुलिस ने हेमंत शर्मा, संजय शुक्ला, संजय मारवाड़ी, मूलचंद, सुनील दीक्षित, भगवन्तसिंह, लक्ष्मण गरासिया समेत 8 लोगों को नामजद किया है।
-मध्यस्थों की भूमिका से नाराजगी
अंदरखाने से ये सूचना भी मिली है कि उथमण टोल नाके के पास कम्पनी द्वारा कथित नियमित रूप से हायर किये गए आधा दर्जन नेताओं की भूमिका से भी कम्पनी के अधिकारी नाराज हैं। इन नेताओं द्वारा टनल की के मुहाने पर शिलासखलन से हुई मौतों के प्रकरण को सही से हैंडल नहीं करने को लेकर भी उच्चाधिकारी नाराज हैं। ऐसे में अब इन नेताओं को भी किनारे लगाकर नए विकल्प ढूंढने के मानस बनाया जा रहा है।
-रोज कलेक्शन 45 लाख, फिर भी 10 लाख के लिए 45 दिन
नेशनल हाइवे संख्या 62 पर शनिवार को हुए हादसे के बाद मृतक आश्रितों को दस लाख रुपये का मुआवजा देने में L&T ने आखिर 45 दिन क्यों मांगे, जबकि सिर्फ उथमण टोल नाके का एक दिन का कलेक्शन ही करीब 45 लाख रुपये है। सूत्रों के अनुसार कम्पनी ने समय इसलिए मांगा है कि इतने समय में इन मजदूरों के पीएफ और ईएसआई का पैसा आ जायेगा। फिर सवाल ये उठता है कि कम्पनी ही पीएफ और ईएसआई का पैसा 10 लाख में शामिल करके दे देगी तो फिर कम्पनी अधिकारियों से बन्द कमरे में बात करने के बाद ओटाराम देवासी 10 लाख के अतिरिक्त 7-8 लाख रुपये किस ईएसआई और पीएफ से दिलवाने की बात कर रहे थे।
सूत्रों के अनुसार कम्पनी भी अपने 10 लाख में इसी पीएफ और एएसआई की राशि जोड़कर हिसाब किताब कर रही थी। इसलिए उसने ये 10 लाख एकसाथ देने की बजाय तीन टुकड़ों में देने की शर्त रखी। अगर ये 10 लाख रुपये ईएसआई और पीएफ से अलग है तो मृत मजदूरों के परिवार को 10 लाख रुपये से ज्यादा राशि मिल सकती है। फिलहाल कम्पनी ने पीड़ित परिवार को ढाई लाख ₹ कैश और 7 जुलाई और 1 अगस्त के क्रमशः ढाई और पांच लाख के चैक दे दिए हैं।