इस्तांबुल। तुर्की में नए राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के लिए रविवार को मतदान हो रहा है। यह चुनाव पिछले डेढ़ दशक से तुर्की में शासन कर रहे रेसेप तैयप एर्दोगन और उनकी इस्लामवादी पार्टी एके के लिए बड़ी चुनौती है।
एर्दोगन ने निर्धारित समय से पहले इस वर्ष अप्रेल में चुनाव का एलान करके विपक्ष को हैरान कर दिया था। यह चुनाव अगले वर्ष नवंबर में होना था। उन्होंने तर्क दिया था कि आर्थिक चुनौतियों और सीरिया से युद्ध का सामना करने के लिए राष्ट्रपति की पर्याप्त शक्ति की आवश्यकता के मद्देनजर चुनाव कराना आवश्यक है।
विपक्षी धर्मनिरपेक्ष दल रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार मुहेर्रेम इंस ने शनिवार को एक रैली को संबाेधित करते हुए कहा था अगर वह चुनाव में विजयी होते हैं तो एर्दोगन के शासन में तानाशाही की तरफ बढ़ रहे देश की दिशा पर विराम लग जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के 48 घंटे के अंदर आपातकाल को हटा लिया जाएगा।
तुर्की में जुलाई 2016 तख्ता पटल के विफल प्रयास के बाद से आपातकाल लागू है। एर्दोगन ने तख्ता पलट के प्रयास के पीछे अमरीका में रह रहे मुस्लिम मैलबी फतेहमुल्ला गुलेन का हाथ होने का अारोप लगाया था और देश में उसके समर्थकों के खिलाफ कड़ा अभियान चलाया था।