अमृतसर। अमृतसर के प्रसिद्ध मंदिर राम तीर्थ के पुजारियों द्वारा दो औरतों के साथ बलात्कार किए जाने के मामले ने उस समय नया मोड़़ ले लिया जब पीडि़त महिलाओं ने पुलिस एक विशेष टीम के सामने इस बात का खुलासा किया कि उनके साथ मंदिर में बलात्कार नहीं किया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिक्रमजीत दुग्गल ने गुरुवार को पत्रकार सम्मेलन में बताया कि 18 मई को पंजाब राज अनुसूचित जाति आयोग चण्डीगढ़़ के सदस्य तरसेम सिंह स्यालका ने थाना लोपोके में एक लिखित शिकायती पत्र देकर कहा था कि दो महिलाओं को डेरा गुरु ज्ञान नाथ के पुजारी नक्षत्र नाथ, सूरज नाथ, गरदारी नाथ और रवीन्द्र नाथ ने डेरे में बंदी बनाया हुआ है और उनके साथ बलात्कार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लोपोके पुलिस की तरफ से ड्यूटी मजिस्ट्रेट जगसीर सिंह की उपस्थिति में महिलाओं का बचाव किया था और उनके बयान पर चारों पुजारियों के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया था।
दुग्गल ने बताया कि मामले की जांच के लिए उन्होंने एक एसआईटी गठित की थी। टीम इंचार्ज पुलिस कप्तान अमृतसर देहाती अमनदीप कौर की देख-रेख में टीम के सदस्यों गुरप्रताप सिंह सहोता, पुलिस उपायुक्त सब -डिवीलन अटारी, एसआई हरपाल सिंह मुख्य अफ़सर थाना लोपोके और इंस्पेक्टर हरजीत झलर इंचार्ज क्राइम अगेंस्ट वुमन सेल द्वारा मुकदमे को तकनीकी और वैज्ञानिक तरीके से जांच की।
जांच दौरान दोनों पीड़ित महिलाओं ने खुलासा किया कि तीर्थ सिंह निवासी कोहाली, जोगा सिंह निवासी वडाला, गोपाल सिंह निवासी जांगला, तरसेम सिंह निवासी लोपोके, बिकी निवासी जांगला, सन्दीप सिंह निवासी मल्लूवाल, सुखविन्दर सिंह निवासी लोपोके, मेघनाथ निवासी लोपोके और अन्य ने बाबा गरदारी नाथ को डेरा गुरु ज्ञान नाथ आश्रम की गद्दी से उतारने के लिए साजिश रची थी।
एक पीड़ित महिला ने बताया कि उसके बच्चे को बंधक बनाया गया था जिसे पुलिस ने दोषी तीर्थ सिंह कोहाली के रिश्तेदारों के घर से गांव मूदल से बरामद किया है। मामले पर चुप्पी साधने के लिए उन्हें पांच लाख रूपए देने का भी लालच दिया गया था। पीड़ित महिलाओं के बयान के आधार पर पुलिस ने दोषी तीर्थ सिंह पुत्र लखबीर सिंह निवासी कोहाली और जोगा सिंह निवासी वडाला को गिरफ़्तार कर लिया है। मामले की जांच जारी है और शेष दोषियों को भी गिरफ़्तार कर लिया जाएगा।