तिरुनेलवेली। तमिलनाडु पुलिस ने इस्लामिक संगठन तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) के दो पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने इन दोनों को कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी देने के आरोप गिरफ्तार किया है। कर्नाटक उच्च न्यायालय के जिन न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी दी गयी थी, उन्होंने हाल ही में फैसला सुनाया था कि हिजाब पहनना इस्लाम की एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है। पुलिस सूत्रों ने आज बताया कि कोवई आर रहमतुल्लाह को तिरुनेलवेली से गिरफ्तार किया गया, जबकि एस जमाल मोहम्मद उस्मानी को शनिवार रात तंजावुर से गिरफ्तार किया गया।
टीएनटीजे ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया था और 17 मार्च को मदुरै के गोरीपालयम में आयोजित आंदोलन में रहमतुल्लाह ने कहा था कि अगर हिजाब मामले के फैसले पर न्यायाधीशों की हत्या हो जाती है, तो वे खुद अपनी मौत के लिए जिम्मेदार होंगे।
उसने कहा था कि एक मामले में गलत फैसला देने वाले न्यायाधीश की झारखंड में मॉर्निंग वॉक के दौरान मौत हो गई। न्यायाधीश उत्तम आनंद को पिछले अगस्त में एक ऑटो रिक्शा ने कुचल दिया था। हमारे समुदाय में कुछ भावुक लोग हैं। अगर उन्हें (जजों) कुछ होता है, तो भाजपा हमें दोष देने के लिए एक मौके का इंतजार कर रही है।
वहीं उस्मानी ने तंजावुर के अथिरामपट्टिनम में आयोजित एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।इसके बाद पुलिस ने रहमतुल्ला और उस्मानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने टीएनटीजे मदुरै जिला अध्यक्ष हबीबुल्लाह और तंजावुर जिले के नेता राजिक मोहम्मद के खिलाफ भी प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर मामला दर्ज किया है। इस बीच, बेंगलूरु पुलिस ने भी न्यायाधीशों को दी गयी धमकियों की जांच शुरू कर दी है और वकील सुधा कटवा द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की।