हैदराबाद। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने मंगलवार को वर्ष 2007 के हैदराबाद दोहरे बम विस्फोट मामले में दो अभियुक्तों का दोषी करार दे दिया जबकि दो अन्य को बरी कर दिया।बम धमाकों में 42 लोगों की मौत हो गई थी और 50 अन्य घायल हो गए थे।
हैदराबाद में चेरलापल्ली जेल के भीतर लगाई गई पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के बीच एनआईए अदालत ने अभियुक्त अनीक शाफिक सईद और अकबर इस्माल चौधरी को दोषी करार दिया जबकि अभियुक्त मोहम्मद सादिक तथा अंसार अहमद बादशाह शेख को बरी कर दिया।
अदालत ने इस मामले में 27 अगस्त को अपना निर्णय 04 सितंबर के लिए सुरक्षित लिया था और सोमवार को सजा सुनाएगी।
हैदराबाद में 25 अगस्त 2007 को सचिवालय से कुछ मीटर की दूरी पर स्थित लुंबिनी पार्क के लेजर शो सभागार और व्यावसायिक क्षेत्र कोटी स्थित रेस्टोरेंट गोकुल चाट के समीप एक के बाद एक दो बम धमाकों को अंजाम दिया गया था।
महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दल ने इस मामले में अक्टूबर 2008 में चार लोगों को गिरफ्तार किया था जिन्हें बाद में गुजरात पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। ये सभी आरोपी चेरलापल्ली जेल में बंद हैं।
तेलगांना पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस (सीआई) शाखा ने आरोपियों के खिलाफ तीन आरोपपत्र दायर किये थे। मेट्रोपोलिटीन सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अगस्त 2013 में इन चारों आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे। इन सभी पर आरोप था कि ये आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के लिए काम करते थे।
हैदराबाद के दोहरे विस्फोट मामले में इन पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 और विस्फोटक सामग्री और दिलसुक नगर में फुटओवर ब्रिज से नीचे मिले बरामद किए गए जिंदा बम से जुड़ी विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए गए थे।
जून महीने में मामले की सुनवाई नामपल्ली अदालत परिसर से चेरलापल्ली जेल स्थानांतरित कर दी गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान 170 गवाहों पूछताछ की गई। चेरलापल्ली जेल में लगाई गई अदालत में सात अगस्त को दोनों पक्षों की ओर से आखिरी बहस समाप्त हुई थी।