देहरादून | उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में तीन जिलों में तेज बारिश और बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इस दौरान मां-बेटे समेत दो लोगों की मौत हो गयी और दो अन्य लापता हो गये जबकि बड़ी संख्या में मवेशियों की भी मौत हो गयी।
कई स्थानों पर सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक इसी तरह के हालात बने रहने की चेतावनी दी है।
टिहरी जिला के आपदा परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, भिलंगना ब्लॉक में गुरुवार देर रात लगभग ढाई बजे भारी बारिश से पट्टी नैलचामी न्याय पंचायत के थार्ती गांव में एक मकान के पीछे मलवा आने से एक मकान पूरी तरह से मलबे में दब गया। मकान में सो रही मकानी देवी (34) और उसका बेटा सुरजीत (5) की मलबे में दबकर मौत हो गई जबकि मकानी देवी की बेटियां सपना और ईशा, ससुर शंकर सिंह और सास बच्चन देई घायल हैं। मकानी देवी की बेटी सपना को ज्यादा घायल होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि सास और सासुर को पिलखी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गांव जाने वाली सड़क भी बंद हो गया है।
पट्टी नैलचामी के ठेला गांव के ऊपर भी बादल फटने से ग्रामीणों की सैकड़ों नाली कृषि भूमि के साथ जखनियाली गांव के श्रीयाल गांव तोक में जाने वाला पैदल पुल भी ध्वस्त हो गया है। इससे ग्रामीणों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। बिजली और मोबाइल सेवा पूरी तरह बाधित हो गई है।
चमोली जिले के चौकी देवाल ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम उलनग्रा, तलोर, पदमल्ला, बामन बेरा, फलदिया गांव में गुरुवार देर रात गांव के पीछे जंगल में बादल फटने से उक्त गांव में भारी मलबा आ गया। इससे फल्दिया गांव के बीच से बहने वाला गदेरा (बरसाती नाला) उफान में आने से गांव के रमेश राम की पत्नी पुष्पा देवी (29) और बेटी ज्योति (5) लापता हैं। गांव के 12 मकानों को क्षति पहंची है। साथ ही छह गाय और एक भैंस के मलबे में दबने की सूचना है।
वहीं अन्य गांवों में भी मकानों एवं खेतों में काफी नुकसान पहुंचा है। पुलिस प्रशासन, एसडीआरएफ मौके पर पहुंच गई है। उत्तरकाशी जिला आपदा परिचालन केन्द्र प्रभारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि कल रात तहसील पुरोला के ग्राम शिकारू के जंगल में आकाशीय बिजली गिरने से लगभग 200 भेड़, बकरियों आदि पशुओं के मरने की सूचना है। राहत एवं बचाव कर्मी घटनास्थल की ओर रवाना हो चुके हैं।