उज्जैन। खगोलीय घटना के अन्तर्गत इस माह एक पखवाडे में दो ग्रहण होंगे। कल होने वाला पूर्ण सूर्यग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा, लेकिन इस माह 16-17 जुलाई को होने वाला आंशिक चन्द्रग्रहण भारत में नजर आयेगा।
शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र प्रकाश गुप्त ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि कल पूर्ण सूर्यग्रहण की दुर्लभ खगोलीय घटना घटित होगी। यह ग्रहण भारतीय समय अनुसार रात्रि 10 बजकर 25 मिनट से होगा और ग्रहण की पूर्णता की स्थिति मध्यरात्रि में 12 बजकर 53 मिनट पर होगी। इस समय सूर्य का 104.5 प्रतिशत भाग चन्द्रमा द्वारा ढक लिया जाएगा। यह एक दुर्लभ नजारा होगा, लेकिन भारत में दिखाई नहीं देगा।
इस ग्रहण को चार मिनट 38 सेकेंड तक देखा जा सकेगा तथा इसकी मोक्ष की स्थिति तीन जुलाई को प्रात: 3 बजकर 20 मिनट पर होगी। भारत में सूर्यग्रहण के समय रात्रि होने के कारण ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा। यह पूर्ण सूर्यग्रहण दक्षिण मध्य अमरीका में देखा जा सकेगा।
वहीं, इस माह के दूसरे पखवाडे के 16-17 जुलाई को आंशिक चन्द्रग्रहण की खगोलीय घटना होगी। भारतीय समय के अनुसार इस आंशिक चन्द्रग्रहण का प्रारम्भ 16-17 जुलाई की मध्यरात्रि में एक बजकर 31 मिनिट से होगा। ग्रहण के मध्य की स्थिति रात्रि 3 बजे होगी। इस समय चन्द्रमा का 65.8 प्रतिशत भाग ढंक जाएगा। चन्द्रग्रहण के मोक्ष की स्थिति 17 जुलाई को सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर होगी।
यह चन्द्रग्रहण भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, एशिया (उत्तर-पूर्वी भाग को छोड़कर), अफ्रीका, यूरोप (उत्तरी भाग को छोड़कर) एवं दक्षिण अमरीका में बहुत अच्छी प्रकार से देखा जा सकेगा। वेधशाला में चन्द्रग्रहण दिखाने की व्यवस्था की गई है। टेलीस्कोप के माध्यम से आमजन चन्द्रग्रहण का नजारा 16-17 जुलाई की मध्यरात्रि को एक बजकर 31 मिनट से सुबह 4 बजकर 30 मिनिट तक देख सकेंगे। ग्रहण देखने का यह उपयुक्त समय होगा।