झुंझुनूं। राजस्थान के झुंझुनूं के मलसीसर में कुंभाराम आर्य लिफ्ट परियोजना का बांध के टूटने के मामले में दो अभिंयताओं को निलंबित कर दिया गया है तथा व्यर्थ बहे पानी के लिए कंपनी पर दो करोड़ 57 लाख रूपए का जुर्माना लगाया गया है।
जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने रविवार को बताया कि बांध के टूटने से बहे पानी का असर दूसरे दिन भी रहा और जिला प्रशासन की ओर से जेसीबी की मदद से पानी को निकालने की कार्यवाही जारी है।
उन्होंने बताया कि बांध के टूटने से प्रभावित हुए परिवारों के नुकसान का सर्वे कराया जाएगा और उसके बाद नियमों के अनुसार लोगों को मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से इस बांध सहित प्रोजेक्ट का काम करने वाली कंपनी एनसीसी लिमिटेड के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज करवाया गया है। इसके अलावा जो पानी बहा है उसकी एवज में कंपनी पर 2.57 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक जांच समिति गठित की गई है जिसमें मुख्य अभियंता जयपुर डीएम जैन, जयपुर ग्रामीण के मुख्य अभियंता सीएन चौहान तथा मुख्य अभियंता नागौर महेश करण को शामिल किया गया है। यह समिति जल्द से जल्द जाचं कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा बांध की तकनीकी जांच के लिए मुम्बई की आईटी कंपनी के मुख्य अभियंता से अनुरोध किया गया है।
यादव ने बताया कि इस मामले में दो एक्सईएन दिलीप तारंग और हरपाल सिंह नेहरा को निलंबित किया गया है तथा सेवानिवृत हुए एक्सइएन नरसिंह दत्त के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। इन तीनों अभियंताओं ने सुरक्षा के लिहाज से बांध पूर्णतया सुरक्षित होने की रिपोर्ट विभाग को दी थी।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को मलसीसर में कुम्भा राम आर्य लिफ्ट परियोजना बांध के अचानक टूट जाने से हजारों लीटर पानी बर्बाद हो गया था और मलसीसर सहित कई गांवों के घरों में पानी घुस गया था।