काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के बाहर गुरुवार शाम हुए दो आत्मघाती विस्फोटों में कम से कम 40 लोगों की मौत हो गयी तथा 120 घायल हो गए, जिनमें से कई की हालत नाजुक है।
हताहतों में अमरीकी मरीन कमांडो भी शामिल है। अमरीका के रक्षा मंत्रालय के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने बिना कोई आंकड़ा दिए बताया कि अमरीका के कई सैनिक भी इस हमले में मारे गए हैं तथा कई घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम पुष्टि कर सकते हैं कि आज काबुल हवाई अड्डा पर हुए जटिल हमलों में कई अमरीकी सैनिक भी मारे गए हैं। कई अन्य घायल हुए हैं। हम यह भी जानते हैं कि इस जघन्य हमले में कई अफगानी भी मारे गए हैं। हमारी सहानुभूति और दुआएं इस घटना में मारे गए सभी लोगों के प्रियजनों के प्रति है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में चार अमरीकी मरीन कमांडो मारे गए हैं तथा तीन अन्य घायल हुए हैं। अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक हवाई अड्डा के बाहर हुए संदिग्ध आत्मघाती हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है, जबकि 120 लोग घायल हुए हैं।
उधर, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने इस घटना की कड़ी निंदा की, लेकिन कहा कि विस्फोट उस क्षेत्र में हुए हैं, जिस क्षेत्र में सुरक्षा की जिम्मेदारी अमरीकी सेना के पास है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इस्लामिक अमीरात काबुल हवाई अड्डे पर बमबारी की कड़ी निंदा करता है, जिस क्षेत्र में यह घटना घटित हुई, उस क्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी अमरीकी सेना के पास है। इस्लामिक अमीरात अपने लोगों की सुरक्षा पर पूरा ध्यान दे रहा है और बुरी घटनाओं को सख्ती से रोका जाएगा।
इस घटना के दूर से लिए गए एक वीडियो में आसमान में रौशनी तथा धुएं के गुब्बार उठते हुए दिखाई दे रहे हैं। अमरीका के रक्षा मंत्रालय के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने बताया कि एक विस्फोट हवाई अड्डा के अब्बे गेट पर हुआ, जबकि दूसरा विस्फोट बैरोन होटल के पास हुआ। उन्होंने कहा कि पहला विस्फोट एक जटिल हमला था, जिसमें कई अमरीकी नागरिक तथा अन्य लोग हताहत हुए हैं।
उन्होंने कहा कि हम पुष्टि कर सकते हैं कि अब्बे गेट पर हुआ विस्फोट एक जटिल हमला था जिसमें कई अमेरिकी और अन्य नागरिक हताहत हुए हैं। हम अब्बे गेट से थोड़ी दूरी पर बैरोन होटल में या उसके पास कम से कम एक अन्य विस्फोट होने की पुष्टि कर सकते हैं।
उल्लेखनी है कि काबुल हवाई अड्डा के चार प्रवेश बिंदुओं में अब्बे गेट एक है और 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से हर रोज हजारों लोग देश छोड़ने की बेताबी में यहां जुट रहे हैं।