भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में दम्पती एवं चार मासूम बच्चों की नृशंस हत्या के मामले में अदालत ने आज दो मुख्य आरोपियों को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई।
जिला एवं सत्र न्यायालय (महिला उत्पीड़न) ने इस मामले के मुख्य आरोपी शराफत एवं राजेश खटीक को दोषी ठहराते हुए यह सजा सुनाई। अदालत ने उन पर पन्द्रह-पन्द्रह हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
विशिष्ट लोक अभियोजक संजू बापना ने बताया कि इस सनसनीखेज हत्याकांड में अभियोजन पक्ष ने दोनों आरोपियों पर लगे आरोप सिद्ध करने के लिए न्यायालय में 41 गवाहों के बयान करवाते हुए 153 दस्तावेज पेश किए।
उल्लेखनीय है कि जिले के निम्बाहेड़ा के युनूस उर्फ सोनू, इसकी पत्नी चांदतारा उर्फ सोनिया, इनके पुत्र अशरफ (10), पुत्री गुडिय़ा (7), साजिया उर्फ आशिदा (4) एवं शकीना (2) को जियारत के बहाने लाकर हत्या कर दी थी।
आरोपियों ने अजमेर हाइवे पर हीराजी का खेड़ा में दंपती एवं बेरां चौराहे पर बच्चों की तलवार से हत्या कर दी थी। 28 जुलाई 2015 को सुबह मांडल पुलिस को इस बारे में सूचना मिली थी और इसके बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
गांजा तस्करी के दोषी को 4 वर्ष की सजा
भीलवाड़ा में अदालत ने गांजा तस्करी के मामले में आज एक आरोपी को चार साल के कारावास की सजा सुनाई। विशिष्ट न्यायाधीश (एनडीपीएस प्रकरण) बृजमाधुरी शर्मा ने इस मामले के आरोपी एवं मांडल निवासी नवीन उर्फ टोनू को दोषी ठहराते हुए यह सजा सुनाई और पचास हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
विशिष्ट लोक अभियोजक कैलाशचंद्र चौधरी ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपी के खिलाफ सात गवाह एवं 36 दस्तावेज पेश किए गए। पुलिस ने पांच अप्रैल 2017 को नवीन को दो किलो 530 ग्राम अवैध गांजे के साथ गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था।