हनुमानगढ़। राजस्थान के हनुमानगढ़ में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो एक्ट) मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश मदनगोपाल आर्य ने एक नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के आज दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
प्रकरण के मुताबिक 20 अप्रैल 2017 को पीलीबंगा थाना में 17 वर्षीय किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म करने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। यह किशोरी गर्भवती हो गई थी, जिसने बाद में बच्ची को जन्म दिया।
पुलिस ने अनुसंधान करने पर पांच आरोपियों को दोषी माना और उनके खिलाफ सक्षम धाराओं में अदालत में चालान पेश किया। अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से 21 तथा 42 दस्तावेज साक्ष्य प्रस्तुत किए गए।
पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता प्रदीप मेहरोलिया के मुताबिक इस मामले में मुख्य आरोपी संदीप उर्फ संजय पोटलिया पुलिस की गिरफ्त में आने से बचता रहा, जबकि उसका डीएनए टेस्ट किया जाना जरूरी था।
लिहाजा परिवादी पक्ष की ओर से अदालत में साक्ष्य अधिनियम की धारा 45 के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिस पर संजय पोटलिया का डीएनए टेस्ट किए जाने का आदेश दिया गया। दुष्कर्म से गर्भवती हुई किशोरी द्वारा बच्ची को जन्म दिया गया था। संजय पोटलिया का डीएनए टेस्ट बच्ची से मैच कर गया। एक अन्य आरोपी सुरेंद्र उर्फ शेरू को भी अदालत ने दोषी माना।
विशिष्ट लोक अभियोजक रिछपाल सिंह चहल के अनुसार न्यायधीश ने आज संदीप उर्फ संजय पोटलिया और सुरेंद्र उर्फ शेरू निवासी जाखडांवाली को आजीवन कारावास तथा 50-50 हजार के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा नहीं करने पर एक एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। बाकी तीन आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में आरोप मुक्त कर दिया गया।