अजमेर। राजस्थान में अजमेर में कोतवाली थाना क्षेत्र में पुलिस ने रेमेडिसिवर इंजक्शन की कालाबाजारी करने के आरोप में शुक्रवार को दो युवतियों को हिरासत में लिया है।
पुलिस सूत्रों ने आज बताया कि परिवादी आशीष सोनी को अपने किसी संक्रमित परिचित के लिए इंजेक्शन की जरूरत थी। कड़ी मशक्कत के बाद उसका दो युवतियों भूमिका और प्रियंका से सम्पर्क हुआ। दोनों युवतियों ने 23 हजार में इंजेक्शन देना तय करके उसे पहले पुराने नामी इण्डिया मोटर चौराहे बुलाया और बाद में जगह बदलते हुए अजमेर क्लब चौराहे पर मिलना तय किया।
पुलिस ने बताया कि नियत स्थान पर दोनों पक्ष पहुंचे तो युवक ने पैसे देकर इंजेक्शन लेने के बजाय युवतियों से इंजेक्शन छीन लिए और पुलिस को सूचित कर दिया। इस पर कोतवाली पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई और युवतियों को हिरासत में ले लिया। उनसे तीन रेमेडिसिवर इंजेक्शन बरामद हुए।
पुलिस ने बताया कि बाद में युवतियों ने स्वयं के माता पिता को संक्रमित होना बताया तथा एक जेएलएन तथा दूसरे को मित्तल अस्पताल में होने का हवाला दिया। युवतियों ने यह भी बताया कि उन्होंने स्वयं इतनी ही राशि में जयपुर की एक फर्म के प्रतिनिधि से इंजेक्शन खरीदे हैं और काम नहीं आने की स्थिति में उन्हें मूल राशि में जरूरतमंद के हिसाब से दे रही थी। उन्होंने पुलिस को जयपुर सम्बंधित का मोबाइल नंबर भी दिया है।
सीआई शमशेर खां के अनुसार मामले की जांच पुलिस लाइंस थानापुलिस को सौपी गई है। पुलिस ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए इंजेक्शन की कालाबाजारी का मुकदमा दर्ज किया है और जयपुर की कथित फर्म और प्रतिनिधि का पता लगा रही है।