बेंगलुरु। कर्नाटक की सात माह पुरानी जनता दल (सेकुलर)- कांग्रेस गठबंधन सरकार को मंगलवार को उस समय तगड़ा झटका लगा जब दो निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से कर्नाटक सरकार को गिराने के जोरदार प्रयास किये जाने की खबरें मीडिया में आ रही हैं।
एच नगेश (मौबिगालियू सीट) और एस. शंकर (रानेबेन्नुर सीट) ने कर्नाटक के राज्यपाल वाजूभाई वाला को पत्र लिखकर कहा है कि वे एचडी कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेते हैं। उन्होंने समर्थन वापस लेने का कोई कारण नहीं बताया है।
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने दोनों निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापस लेने पर आश्चर्य व्यक्त किया लेकिन कहा कि 225 सदस्यीय विधानसभा में जद (एस)- कांग्रेस को मिलाकर 118 विधायकों का समर्थन सरकार को हासिल है जिससे सरकार को खतरा नहीं है और यह अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी।
शंकर ने हालांकि अपने पत्र में लिखा है कि वह गठबंधन सरकार को दिया जा रहा समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस लेते हैं और इस बारे में उचित कार्रवाई करने की अपील करते हैं। इसी तरह का पत्र दूसरे निर्दलीय विधायक नगेश ने भी लिखा है।
एक नामित सदस्य सहित कर्नाटक विधानसभा में 225 सदस्य हैं, दो निर्दलीय विधायकों के गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने से अब राज्य सरकार को 118 विधायकों का ही समर्थन हासिल है। इनमें नामित सदस्य भी शामिल है।
निर्दलीय विधायक आर. शंकर को कांग्रेस विधायक दल का संबद्ध सदस्य बनने से इन्कार करने के बाद मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। वह इन दिनों मुम्बई में हैं। नगेश को राज्य के एक निगम का अध्यक्ष नामित किया गया था।
कर्नाटक की 225 सदस्यीय विधानसभा में अध्यक्ष सहित कांग्रेस के 80 विधायक हैं। जद (एस) के 37 विधायक, बहुजन समाज पार्टी का एक है और दो निर्दलीय विधायक हैं। विपक्षी दल भाजपा के 104 विधायक हैं।
कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य के उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि मैं दो निर्दलीय विधायकों के फैसले से अवगत नहीं हूं लेकिन गठबंधन सरकार सुरक्षित है।