सीधी/भोपाल। मध्यप्रदेश के सीधी जिला मुख्यालय स्थित कोतवाली थाने में एक पत्रकार (यूट्यूबर) और अन्य लोगों को पुलिस हिरासत के दौरान लगभग निर्वस्त्र करके उनके फोटाे सोशल मीडिया में वायरल करने संबंधी घटना के मामले में चहुंओर आलोचना के बाद आज थाना प्रभारी और एक अन्य पुलिस अधिकारी को आखिरकार निलंबित करना पड़ा।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सीधी जिला पुलिस अधीक्षक ने कुछ व्यक्यिों की पुलिस अभिरक्षा के दौरान आपत्तिजनक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने में बरती गई लापरवाही के लिए निरीक्षक मनोज सोनी और उप निरीक्षक अभिषेक सिंह परिहार (थाना प्रभारी अमिलिया) को आज तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
इन दोनों अधिकारियों को कल सिर्फ लाइनहाजिर किया गया था। इस कार्रवाई के बावजूद सोशल मीडिया पर पुलिस निशाने पर रही और आखिरकार आज दोनों को निलंबित करना पड़ा। सीधी जिला पुलिस प्रशासन भी अब बचाव की मुद्रा में नजर आ रहा है।
दूसरी ओर पुलिस मुख्यालय भोपाल में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (शिकायत) डॉ. अशोक अवस्थी ने सीधी से जुड़े संपूर्ण घटनाक्रम की जांच के लिए भोपाल में पदस्थ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रेडियो) अमित सिंह को नियुक्त किया है। अमित सिंह सीधी पहुंचकर प्रकरण की जांच कर 3 दिनों में प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे।
दूसरी ओर सीधी जिला मुख्यालय पर 2 अप्रैल को कोतवाली थाने में पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा आरोपियों के साथ किए गए कृत्य की चहुंओर निंदा हो रही है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने इस मामले को लेकर सरकार और पुलिस प्रशासन दोनों को निशाने पर लिया है तो सोशल मीडिया पर भी देश भर में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर आलोचना की जा रही है।
पत्रकार और आम लोग भी सोशल मीडिया पर टिप्पणी कर रहे हैं और सबका कहना है कि यदि थाने में मौजूद आरोपी भी हैं, तो पुलिस को इस तरह उनके वस्त्र उतारकर और फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल करने का अधिकार नहीं है।
पुलिस ने इस मामले में एक स्थानीय पत्रकार और लगभग आधा दर्जन आरोपियों को हिरासत में लिया था और थाने में बिठाए रखा था। आरोपियों की जमानत हो चुकी है। बताया गया है कि सोशल मीडिया पर सक्रिय कुछ लोग स्थानीय प्रभावशाली राजनेताओं के खिलाफ लगातार लिख रहे थे। इस संबंध में शिकायत पर पुलिस सक्रिय हुई थी।
पहले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। उसकी गिरफ्तारी के विरोध में कुछ लोग धरने पर बैठकर नारेबाजी कर रहे थे, तभी पुलिस ने आधा दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया और उनके वस्त्र उतरवा दिए। इसके वायरल फोटो देश भर में सुर्खियां बटोर रहे हैं।
इस बीच राज्य मानव अधिकार आयोग ने भी आज इस मामले में राज्य के पुलिस महानिदेशक और रीवा के पुलिस महानिरीक्षक से एक सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लेकर रिपोर्ट तलब की है।