अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर अनशन कर चुके तपस्वी छावनी के जगत गुरू परमहंस आचार्य ने हिन्दू राष्ट्र की मांग को लेकर सोमवार से आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
परमहंस आचार्य अन्न जल का परित्याग कर अपने आश्रम परिसर में अशोक वृक्ष के नीचे ब्रहम मुहूर्त से अनशन पर बैठ गए हैं। अनशन के पहले दिन विश्व हिंदू रक्षा संगठन व देव सेना दिल्ली समेत अन्य हिंदूवादी संगठनों ने इन्हें अपना समर्थन दिया। साथ ही तलवार भेंट कर सम्मान भी किया।
इससे पहले स्वामी परमहंस भव्य राममंदिर निर्माण के लिए 12 दिनों तक आमरण-अनशन कर चुके हैं। इस बार वह हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि जब देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हो गया तो भारत को क्यो ना हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए।
छह महीने पहले ही हमने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र भेंजकर अवगत करा दिया था कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। नही तो मैं 12 अक्टूबर से आमरण.अनशन पर बैठूंगा। लेकिन हिंदू राष्ट्र नही घोषित किया गया। इसलिए मुझे बाध्य होकर अनशन पर बैठना पड़ा।
जगद्गुरू ने कहा कि जब 1947 में देश का विभाजन हुआ और पाकिस्तान को धर्म के आधार पर मुस्लिम देश घोषित कर दिया गया। तो फिर भारत के साथ भेदभाव क्यों हुआ यह सोचने वाला विषय है।
आजादी के बाद जम्मू कश्मीर में हिंदूओं के साथ जो बर्बरता हुई। पूरे विश्व में कहीं भी उसका उदाहरण नहीं मिलता है। हिंदू भाइयों को बेघर कर दिया गया। वर्तमान समय पश्चिम बंगाल में भी दूसरा जम्मू.कश्मीर दोहराया जा रहा है। ऐसे में हिंदू राष्ट्र की नितांत आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले मुस्लिम समाज को भारत माता की जय व वंदे मातरम बोलने में शर्म आती है। अगर भारत हिंदू राष्ट्र घोषित नही किया गया तो भविष्य में देश का विभाजन होना निश्चित है। इसको देखते हुए मैंने सौ करोड़ हिंदूओं के संरक्षण के लिये अन्न.जल त्याग दिया है।
जब तक भारत हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया जाएगा। तब तक मैं अनशन पर बैठा रहूंगा। इसके लिए चाहे मेरी जान ही क्यों न चली जाए। देश और हिंदू राष्ट्र के लिए अपने शरीर का परित्याग कर दूंगा।
इस बीच प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास भी अनशन पर बैठ गये हैं। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश में संतों पर हत्या हो रही है और इसमें प्रदेश सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है इसलिए अनशन पर हम बैठे हुए हैं जब तक प्रदेश सरकार साधुओं की रक्षा नहीं करेगी हम अनशन से उठेंगे नहीं।