झुंझुनूं। विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने के चार दिन बाद उनके समर्थक उदयपुरवाटी नगरपालिका के चेयरमैन रामनिवास सैनी को भी मंगलवार की शाम निलंबित कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार नगर पालिका उदयपुरवाटी के कई पार्षदों ने स्वायत शासनविभाग के निदेशक को पत्र लिखकर उदयपुरवाटी नगर पालिका में 2022 में नियम विरुद्ध भ्रष्टाचार करके चार बागवानों की अनियमित भर्ती करने का आरोप लगाया था। इस मामले की निदेशालय स्तर पर जांच करवाई गई। जांच अधिकारी ने उदयपुरवाटी नगर पालिका में वर्ष 2022 में चार बागवानों की भर्ती को पूरी तरह से गलत माना।
जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में टिप्पणी की है कि जिन चार पदों पर भर्ती की गई वे स्वीकृत ही नहीं थे। नगर पालिका अध्यक्ष रामनिवास सैनी ने मिलीभगत करके जिन चार लोगों को नियुक्ति दी वे रिश्तेदार हैं। भर्ती में नियमों की पालना नहीं की गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर अध्यक्ष सैनी को सुनवाई का अवसर देते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया। जवाब संतोषप्रद नहीं पाए जाने पर उन्हें निलंबित किया गया।
डीएलबी डॉयरेक्टर ह्देश कुमार ने बताया कि नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत कर्तव्यों के निर्वहन एवं पद के दुरुपयोग पर राज्य सरकार ने प्रकरण की न्यायिक जांच करवाने का निर्णय लिया है। चेयरमैन रामनिवास सैनी द्वारा न्यायिक जांच को प्रभावित किए जाने की संभावना है। इसलिए नगर पालिका सदस्य व अध्यक्ष के पद से तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
नगर पालिका चेयरमैन रामनिवास सैनी पूर्व में भाजपा टिकट पर 1998 एवं 2003 में दो बार विधायक का चुनाव लड़ चुके हैं। 2010 में भाजपा की टिकट पर उदयपुरवाटी नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ कर हार चुके हैं। सैनी ने उदयपुरवाटी विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा से नजदीकी सम्पर्क बनाकर कर चुनाव लड़ा एवं जीत कर अध्यक्ष बन गए थे।