मुंबई। महाराष्ट्र में करीब एक माह तक चले राजनीतिक ड्रामे के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को राज्य के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और इसके साथ ही राज्य में शिवेसना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के ‘महा विकास अघाड़ी’ गठबंधन की सरकार बन गई।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने यहां शिवाजी पार्क में आयोजित भव्य समारोह में ठाकरे को पद एवं गाेपनीयता की शपथ दिलाई। केसरिया कुर्ता पहनकर पहुंचे ठाकरे ने मराठी भाषा में शपथ ली। वह ठाकरे परिवार के पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाला है। शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने सिद्धि विनायक मंदिर में पूजा-अर्चना की।
ठाकरे के साथ ही छह मंत्रियों ने भी शपथ ली। इनमें शिवसेना के एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जयंत पाटिल और छगन भुजबल तथा कांग्रेस के बाला साहेब थोराट और नीतिन राउत शामिल हैं। सभी मंत्रियों ने भी मराठी भाषा में शपथ ली। ठाकरे के साथ किसी ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ नहीं ली है।
शपथ ग्रहण समारोह में जमकर आतिशबाजी हुई और तुरही बजाकर ठाकरे का स्वागत किया गया। इस मौके पर शिवाजी पार्क में हजारों लोग मौजूद थे और सबने ‘भारत की जय’ के साथ मंत्रियों का अभिनंदन किया। शिवाजी पार्क के बाहर भी खूब आतिशबाजी की गई और समर्थक ढोल-नगाड़ों की थाप पर जमकर थिरके। राज्य के अन्य हिस्सों में भी शिवसेना समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर जश्न मनाया।
ठाकरे ने शपथ ग्रहण करने के बाद मंच पर खड़े होकर हाथ हिलाया और जनता के समक्ष नतमस्तक भी हुए। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पृथ्वीराज चव्हाण, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस के अहमद पटेल, सुशील कुमार शिंदे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के राज ठाकरे और प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी तथा उनकी पत्नी नीता अंबानी भी मौजूद थी।
अचानक पाला बदलकर फडणवीस सरकार में उप मुख्यमंत्री बने राकांपा के अजित पवार को फिलहाल मंत्री परिषद में शामिल नहीं किया गया है लेकिन वह समारोह में मौजूद थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने समारोह में भाग नहीं लिया लेकिन उन्होंने ठाकरे को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भाजपा के खिलाफ महा विकास अघाड़ी का गठन अभूतपूर्व है। दोनों नेताओं ने ठाकरे को पत्र लिखकर शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंच पाने की असमर्थता व्यक्त की और मुख्यमंत्री पद संभालने पर उन्हें बधाई दी।
सोनिया गांधी ने ठाकरे को लिखे एक पत्र में कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ऐसे असाधारण परिस्थितियों में एक साथ आए हैं जब देश भारतीय जनता पार्टी से अभूतपूर्व खतरे का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक माहौल विषाक्त हो गया है और अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो रही है। किसान गहरे दबाव में हैं।
उन्होंने कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा ने एक साझा कार्यक्रम पर सहमति व्यक्त की है और मुझे पूरा भरोसा है कि तीनों पक्ष इस सहमति को सही अर्थों में लागू करेंगे। गठबंधन से महाराष्ट्र के लोगों को उम्मीद है कि यह ठोस, सार्थक, जिम्मेदार, जवाबेदह और पारदर्शी प्रशासन प्रदान करेगा।
उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद एक नाटकीय घटनाक्रम में फडणवीस के मुख्यमंत्री के रूप में और अजित पवार के उप मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा देने के बाद राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन की सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ।
शुरू में ठाकरे का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय हो गया था लेकिन अजित पवार के पाला बदलने के कारण फडणवीस की सरकार बन गई। इसके बाद शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अदालत ने फडणवीस काे 27 नवंबर को शाम पांच बजे के बाद विश्वास मत हासिल करने का आदेश दिया था लेकिन उन्होंने 26 नवंबर को ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया।