कोटा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के इस सुझाव को नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने पूरी तरह से खारिज कर दिया कि केंद्र सरकार की ओर से राज्य को कोरोना से बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध करवाने के लिए जिलों के प्रभारी मंत्रियों के नेतृत्व में राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन जिला कलक्टर को दिया जाए।
धारीवाल राजधानी जयपुर के जिला प्रभारी मंत्री हैं और इस नाते उनके नेतृत्व में कोरोना निरोधक वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के लिए एक ज्ञापन कलेक्टर को आज दिया जाना था, लेकिन वह अपनी बात पर अडिग रहे और कलक्टर को ज्ञापन देने जाने के बजाय सड़क मार्ग से अपने गृह जिले कोटा में चल रहे विकास कार्यों का अवलोकन करने के लिए आ गए।
धारीवाल क्योंकि शनिवार और रविवार को भी कोटा में ही रहने वाले हैं, इसलिए कल जयपुर में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में होने वाली मंत्रियों की वीडियो कांफ्रेंस में भी शामिल नहीं होंगे। उनकी अनुपस्थिति में आज दोपहर जयपुर में कांग्रेसी विधायको गंगा देवी, रफीक खान अमीन कागजी के नेतृत्व में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिला कलक्टर को दिया गया।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार से कोरोना से बचाव के लिए पर्याप्त संख्या में वैक्सीन के नहीं मिलने के मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को जयपुर में अपने आवास पर कैबिनेट की वीडियो कॉन्फ्रेंस बुलाई थी जिसमें डोटासरा ने केंद्र सरकार की ओर से वेक्सीन देने के मामले में राज्य की उपेक्षा के विरोध मे जिला कलक्टरों के माध्यम से प्रभारी मंत्री द्वारा राष्ट्रपति को ज्ञापन देने का सुझाव दिया था।
राज्य के प्रभावशाली मंत्री शांति धारीवाल ने तत्काल इस सुझाव को दरकिनार कर दिया जिसको लेकर डोटासरा और धारीवाल के बीच गर्मा गर्मी भी हुई। इस पर धारीवाल यह कहते हुए अपनी बात पर अडिग रहे कि वह डोटासरा की बात मानने को बाध्य नहीं हैं।
डोटासरा ने सोनिया गांधी तक को शिकायत करने की धमकी दी लेकिन शांति धारीवाल अपनी बात पर अडिग रहे और आज जयपुर कलक्टर को मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार ज्ञापन देने जाने के बजाय अपने पूर्व निधार्रित कार्यक्रम के अनुसार कोटा आ गए।
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