लंदन। बैंकों को हजारों करोड़ों रुपए का चूना लगाकर गत ढाई साल से अधिक समय से ब्रिटेन में रह रहे भारतीय कारोबारी विजय माल्या के भारत में प्रत्यर्पण को सही ठहराते हुए यहां की अदालत ने आज अपनी मंजूरी दे दी। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय की स्वीकृति के बाद माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने का रास्ता साफ हो जाएगा।
ब्रिटेन की एक अदालत चीफ मजिस्ट्रेट एमा आर्थबथनॉट ने सुनवाई के दौरान कहा कि माल्या के खिलाफ प्रथम दृष्टतया मामला है और अगर उनका प्रत्यर्पण किया जाता है तो इससे मानवाधिकार का हनन नहीं होगा। न्यायाधीश के आदेश को अभी ब्रिटेन के गृह मंत्रालय की मंजूरी मिलनी बाकी है। मंत्रालय की मंजूरी के बाद माल्या को भारत के हवाले किया जा सकता है।
दिवालिया हो चुकी एयरलाइंस किंगफिशर के मालिक 62 वर्षीय विजय माल्या पर आरोप है कि उसने भारतीय स्टेट बैंक समेत कई सरकारी बैंकों को नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया। यह राशि अब बढ़कर 14 हजार करोड़ रुपए हो गई है। इन आरोपों के बीच माल्या भारत छोड़कर मार्च 2016 में ब्रिटेन में रहने लगे।
वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के बाद माल्या ने संवाददाताओं को अदालत के बाहर कहा कि वह जुलाई 2018 से ही पूरी राशि बिना किसी शर्त के लौटाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में आगे समुचित कदम उठाएंगे।
माल्या अपने प्रत्यर्पण के अदालती आदेश के खिलाफ 14 दिन के भीतर लंदन के हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं। इस संबंध में गृह मंत्रालय के निर्णय के खिलाफ भी हाई कोर्ट में अपील की जा सकती है।
भारत के लिए महान दिन : अरुण जेटली
सरकारी बैंकों के हजारों करोड़ रुपए का ऋण लेकर फरार उद्योगपति विजय माल्या के प्रत्यर्पण संबंधी ब्रिटेन की एक अदालत के आदेश के संदर्भ में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज के दिन को देश के लिए महान बताया है।
जेटली ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के कार्यकाल में अपराधियों को लाभ पहुँचाया गया था, लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के कार्यकाल में उनको गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ धोखाधड़ी करने वाले मुक्त नहीं धूम सकते। ब्रिटेन की अदालत का निर्णय स्वागत योग्य है।