नई दिल्ली। युद्धग्रस्त यूक्रेन की राजधानी कीव को सारे भारतीय नागरिक छोड़ चुके हैं जबकि बीते सात दिनों में देश से 7700 से अधिक भारतीय छात्र एवं अन्य नागरिकों को निकाला जा चुका है। इन भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए 26 उड़ानें आयोजित की जा रहीं हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज देर शाम आयोजित एक बैठक के बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने खारकीव में भारतीय छात्र नवीन की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ना केवल वहां फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाएगी बल्कि नवीन की परिवार की इच्छा के अनुरूप उसका पार्थिव शरीर भी भारत लाया जाएगा।
श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए कल स्लोवाकिया एवं रोमानिया के अपने समकक्षों से बात की थी। मोदी ने आज फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों और यूरोपीय संघ आयोग के अध्यक्ष से भी बात की। बातचीत का मुख्य विषय भारतीयों की सुरक्षा था।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन में कुल 20 हजार भारतीय थे जिनमें से 12 हजार से अधिक लोग देश से निकल चुके हैं। बाकी बचे लोगों के करीब आधे खारकीव एवं आसपास के शहरों में हैं और आधे से अधिक पश्चिमी क्षेत्र में हैं जो कमोबेश सुरक्षित हैं। इसके अलावा राजधानी कीव से भारतीय नागरिक पूरी तरह से जा चुके हैं। शाम से वहां किसी भारतीय ने दूतावास के कर्मचारियों से संपर्क नहीं किया है।
उन्होंने यह भी बताया कि हंगरी, पोलैंड, रोमानिया और स्लोवाकिया के रास्ते करीब 7700 भारतीय निकाले जा चुके हैं और उनमें से करीब 2000 लोग भारत आ चुके हैं और लगभग पांच हजार लोग उड़ानों के इंतजार में हैं और इसलिए 26 उड़ानें अगले कुछ दिनों में उन्हें लेकर आएंगी। सेना का सी-17 ग्लोबमास्टर भी कल तड़के बुखारेस्ट के लिए रवाना होगा।
विदेश सचिव ने कहा कि खारकीव में फंसे लोगों को निकालने के लिए यूक्रेन की सीमा खासकर खारकीव से निकटस्थ रूस के बेल्गोराड शहर में भारतीय टीम छात्रों की रिहाइश एवं भोजन आदि की व्यवस्था को अंतिम रूप में दे रहा है। इस बारे में भारतीय अधिकारी यूक्रेन एवं रूस के राजनीतिक एवं सैन्य नेतृत्व के संपर्क में हैं ताकि जल्द से जल्द माैका निकाल कर सभी भारतीय छात्रों को युद्ध क्षेत्र से निकाल लें।
यूक्रेन से निकलने वाले सीमा बिन्दुओं पर लोगों की भीड़ एवं भारतीयों को निकलने में हो रही परेशानियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह मानना ठीक नहीं है कि यूक्रेन की ओर से जानबूझ कर विलंब किया जा रहा है। यूक्रेन की सीमा पर इतनी भीड़ के कारण सीमा प्रहरियों की सुरक्षा चिंताओं को भी देखना होता है। सीमा पर यूक्रेन के नागरिकों के साथ अन्य देशों के नागरिक भी जमा हैं। बीते कुछ दिनों में करीब पांच लाख लोगों ने यूक्रेन की सीमा पार की है।
यह पूछे जाने पर कि संयुक्त राष्ट्र में भारत ने रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्तावों के खिलाफ वोट नहीं देकर क्या वैश्विक निकाय में रुख में परिवर्तन कर रहा है, इस पर श्रृंगला ने कहा कि हर प्रस्ताव पर उसके गुणदोषों के आधार पर देख कर निर्णय लिया गया है।