इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज उमर अकमल पर भ्रष्टाचार रोधी संहिता तोड़ने के आरोप में लगाए गए तीन साल के प्रतिबंध को उनकी अपील के बाद घटाकर 18 महीने कर दिया गया है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की अनुशासन समिति के प्रतिबंध के खिलाफ अकमल ने गत 19 मई को अपील की थी। पहले इस मामले की सुनवाई 11 जून को होनी थी लेकिन कोरोना के कारण सुनवाई को आगे बढ़ा दिया गया था।
पीसीबी की अनुशासन समिति के चैयरमैन फजले मिरान चौहान ने गत 27 अप्रैल को अकमल को पीसीबी की भ्रष्टाचार रोधी सहिंता की दो धाराओं के उल्लंघन का दोषी ठहराया था और उन पर क्रिकेट के सभी प्रारुपों में खेलने पर तीन साल का प्रतिबंध लगाया था।
पीसीबी ने पाकिस्तान सुपर लीग के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के मामले को लेकर अकमल पर आरोप लगाए थे और बोर्ड ने इस मामले को अनुशासन समिति को भेजा था। अकमल पर अनुच्छेद 4.8.1 के तहत आरोप तय किए गए। पीसीबी ने अकमल के खिलाफ 20 मार्च को भ्रष्टाचार रोधी धाराओं को तोड़ने का आरोप लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सेवानिवृत फ़क़ीर मोहम्मद खोखर को अपील पर सुनवाई के लिए अधिनिर्णायक नियुक्त किया गया था और उन्होंने लाहौर में नेशनल हाई परफॉर्मेंस सेंटर में दलीलों को सुना। उनकी सजा को 18 महीने घटा दिया गया है। सजा घटने के बाद उनका प्रतिबंध अगस्त 2021 तक जारी रहेगा।
30 वर्षीय अकमल के लिए उनकी सजा आधी होना काफी राहत की बात है। अकमल ने कहा कि मैं जज का आभारी हूं जिन्होंने मेरे वकीलों की दलीलों को ध्यान से सुना। मैं अब बाकी बची सजा के बारे में सोचूंगा और इसे और कम कराने की कोशिश करूंगा।
फिलहाल मैं संतुष्ट नहीं हूं और मैं वकीलों तथा परिवार से विचार-विमर्श करूंगा कि आगे क्या कदम उठाया जाए। मुझसे पहले भी कई खिलाड़ी ऐसे थे जिन्होंने गलतियां की थीं लेकिन मेरे मुकाबले उन्हें बहुत कम सजा मिली। अभी मैं इतना ही कह सकता हूं कि बहुत-बहुत धन्यवाद।